अंतरिक्ष उद्योग क्षेत्र की महाशक्ति बनने की राह पर है भारत
चेन्नई, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका के फ्युट्रान कापरेरेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में किए गए एक अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार भारत अंतरिक्ष उद्योग के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय महाशक्ति बनने की राह पर अग्रसर है।
अध्ययन के अनुसार अमेरिका और रूस के बीच अंतरिक्ष में अपनी क्षमता साबित करने की दौड़ से शुरू हुई प्रतिस्पर्धा अब एक बड़े व्यापार का रूप ग्रहण कर चुकी है।
वर्तमान में इस बाजार का मूल्य 100 अरब डालर के आस पास आंका गया है। अध्ययन के अनुसार इसमें उपग्रह निर्माण और प्रक्षेपण सेवा सहित कई तरह के काम शामिल हैं।
अध्ययन के अनुसार अंतरिक्ष कार्यक्रमों को सरकार द्वारा प्रदान किए गए मूलभूत ढांचे, कोष और मानव श्रम तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास तथा उत्पादन के समग्र सूचकांक में अमेरिका पहले स्थान पर बना हुआ है। रूस, यूरोप,चीन और भारत इस मामले में उससे पीछे हैं।
सूची के अनुसार सरकारी सहायता और कोष तथा अंतरिक्ष संबंधी सेवाओं तथा वस्तुओं के उत्पादन में भारत चौथे स्थान पर है। वह चीन से आगे लेकिन अमेरिका,यूरोप और रूस से पीछे है।
रिपरेट के अनुसार 1998 से 2007 के बीच उपग्रह निर्माण और उन्हें कक्षा में स्थापित करने के क्षेत्र में भारत की विश्व बाजार में दो फीसदी की हिस्सेदारी रही है। इस दौरान भारत ने 22 उपग्रहों का निर्माण किया और 11 उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।