सोने की आस अब फेडरल रिजर्व की बैठक पर
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। बीते सप्ताह के दौरान सोने का जो भी हश्र हुआ हो,उसकी आस अब फेडरल रिजर्व की 29 अप्रैल से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक पर लगी है। निवेशक फिलहाल फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दर में कमी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उन्हें 25 बेसिस प्वाइंट की कमी भी गवारा नही होगी। उन्हें तो कम से कम 50 बेसिस प्वाइंट की कमी चाहिए।
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। बीते सप्ताह के दौरान सोने का जो भी हश्र हुआ हो,उसकी आस अब फेडरल रिजर्व की 29 अप्रैल से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक पर लगी है। निवेशक फिलहाल फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दर में कमी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उन्हें 25 बेसिस प्वाइंट की कमी भी गवारा नही होगी। उन्हें तो कम से कम 50 बेसिस प्वाइंट की कमी चाहिए।
बाजार समीक्षकों के अनुसार बीते सप्ताह भारी मार झेल चुके सोने का फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में नहीं कटौती करने की स्थिति में बंटाधार हो जाएगा। इससे पूर्व न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज नाइमेक्स के कामेक्स डिवीजन में सप्ताहांत सोने का जून वायदा 30 सेंट की मामूली नरमी से 889.70 डालर प्रति औंस बंद हुआ। लेकिन अगर समीक्षाधीन सप्ताह के कुल 5 कारोबारी दिन के संबंध में देखें तो सोने के वायदा को कुल 25.50 डालर प्रति औंस का घाटा हुआ। पिछले शुक्रवार को कामेक्स में सोने का जून वायदा 912.20 डालर प्रति औंस पर बंद हुआ था। सप्ताह के दौरान सिर्फ गुरुवार को सोने में 19.60 डालर प्रति औंस की गिरावट दर्ज की गई।
प्रमुख बाजार समीक्षक जेम्स मूर के अनुसार सोने में आने वाले सप्ताह भी नरमी जारी रह सकती है। उनके अनुसार सोना अगर आने वाले सप्ताह 872 डालर प्रति औंस के स्तर को बरकरार नहीं रख पाता है तो इसके 850 डालर प्रति औंस तक गिरने की संभावना बढ़ जाएगी। कुछेक समीक्षक हालांकि शार्ट-कवरिंग के चलते सोने में मामूली सुधार की बात कर रहे हैं।
लेकिन बीते सप्ताह की आर्थिक गतिविधियों के आधार पर फेडरल रिजर्व की प्रस्तावित बैठक में ब्याज दर में ज्यादा से ज्यादा 25 बेसिस प्वाइंट की कमी की संभावना है। लेकिन सोने के लिए इतना पर्याप्त नहीं होगा। और तो और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कमी नहीं करने की संभावना बढ़ गई है। इससे पूर्व फेडरल रिजर्व सितंबर 2007 से ब्याज दर को 5.25 फीसदी से घटाकर 2.25 फीसदी तक ला चुका है। अमेरिका से अगले सप्ताह प्रकाशित होने वाले विभिन्न आर्थिक आंकड़े भी सोने के लिए आशा या निराशा की जमीन तय करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।