पाकिस्तानी संसद न्यायपालिका के अधिकार सुनिश्चित करने के पक्ष में
इस्लामाबाद, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान की संसद न्यायपालिका में सुधार के साथ न्यायाधीशों की बहाली पर विचार करना चाहती है। सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों की एक संयुक्त समिति इसके लिए बनाई गई है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के एक सदस्य ने कहा, "हम स्वतंत्र न्यायपालिका चाहते हैं और हम व्यक्तियों के बारे में चिंतित नहीं हैं।"
पीपीपी सदस्य का कहना था कि मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल को निर्धारित करने पर सहमति है जैसा कि 1970 में किया गया था। इसके बाद पिछले नवंबर में परवेज मुशर्रफ द्वारा हटाए गए मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी का कार्यकाल उनकी बहाली के बाद केवल एक वर्ष रहेगा।
पीपीपी सदस्य ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों की एक समिति का गठन किया जाएगा। अब तक केवल मुख्य न्यायाधीश को प्राप्त शक्तियों में से अधिकांश को इस समिति को सौंप दिया जाएगा।
प्राप्त समाचारों के अनुसार प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी के आंतरिक मामलों के सलाहकार रहमान मलिक न्यायाधीशों के विषय में हुई वार्ता से जरदारी को अवगत कराने के लिए दुबई रवाना हो चुके हैं।
कानून मंत्री फारुक एच. नाइक भी कुछ कारणों से दुबई जाने वाले हैं। वह जरदारी के साथ एक या दो दिन में पाकिस्तान लौटेंगे।
पीपीपी सदस्य ने कहा कि संसद द्वारा इन सुधारों के परिणामस्वरूप न्यायपालिका न केवल स्वतंत्र दिखाई देगी बल्कि वास्तव में मुक्त और संप्रभु हो जाएगी। संसद की सर्वोच्चता पर सहमति है लेकिन वह अपने अधिकारों को लागू करने में स्वतंत्र होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।