बायो-मानिटरिंग से होगी प्रदूषकों की निगरानी
लंदन, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। जिन इलाकों में तकनीक के सहारे पर्यावरण का प्रदूषण स्तर पता लगाने में कठिनाई होती है उन इलाकों में बायो-मानिटरिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बायो-मानिटरिंग एक ऐसी पद्धति है जिसमें जैव सूचकों की मदद से किसी क्षेत्र पर नजर रखी जाती है और देखा जाता है कि उस पर्यावरण पर वहां मौजूद पदार्थो या पदूषकों का क्या प्रभाव पड़ता है।
सोलवेनिया के जोसेफ स्टीफन संस्थान के बोरुत स्मोडिज कहते हैं, "इसके माध्यम से हम अपने आसपास के पर्यावरण पर नजर रखते हैं और प्रदूषकों की वजह से पर्यावरण में आ रहे परिवर्तनों का परीक्षण करते हैं।
स्मोडिज ने कहा कि बायो मानिटरिंग प्रदूषकों को मापने का सस्ता और प्रभावी माध्यम हो सकता है।
यह पूछे जाने पर की क्या इसके लिए हर तरह के पौधों का इस्तेमाल किया जा सकता है? स्मोडिज ने कहा कि 'मॉस' और शैवाल इसके लिए उपयुक्त होते हैं।
गौरतलब है कि 1998 में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने इस पर एक शोध परियोजना की शुरुआत की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।