श्रीलंका में हो सकता है भारी घमासान
कोलंबो, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। श्रीलंकाई सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार देश के उत्तरी क्षेत्र में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ चल रही झड़पें और तेज हो सकती हैं।
कोलंबो, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। श्रीलंकाई सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार देश के उत्तरी क्षेत्र में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ चल रही झड़पें और तेज हो सकती हैं।
बुधवार से जारी तमिल चीतों के साथ सेना की झड़पों में सैकड़ों के घायल होने की सूचना है। सरकारी सूचना के अनुसार मुहामलाई और किलाली क्षेत्रों में लिट्टे के सौ से अधिक लड़ाके मारे गए हैं।
इसके विपरीत लिट्टे के अनुसार उसके केवल 16 आदमी मारे गए हैं। उसने सेना के सौ से अधिक सैनिकों को मारने का दावा भी किया है। साथ ही सेना से भारी मात्रा में असलहा भी छीनने की बात की है।
दरअसल, सेना लिट्टे को देश के उत्तरी क्षेत्र तक सीमित रखने का प्रयास कर रही है।
श्रीलंका के वरिष्ठ सैन्य विश्लेषक इकबाल अथास के अनुसार लिट्टे फिलहाल सुरक्षात्मक तरीके से ही लड़ रहा है। साथ ही वह कहते हैं कि भविष्य में भारी मुठभेड़ों से इंकार नहीं किया जा सकता।
एक अन्य सैन्य विश्लेषक नमल परेरा के अनुसार आगामी समय में परिस्थितियां और गंभीर हो सकती हैं।
उधर गुरुवार को श्रीलंका के रक्षा मंत्री केहेलिया रमबकवेला ने कहा कि इस माह हुई मुठभेड़ के बाद, "सरकार वन्नी को आजाद कर वर्ष के अंत तक आतंकवाद का खात्मा कर देगी।"
उल्लेखनीय है कि लिट्टे के अधीन उत्तरी क्षेत्र वन्नी कहलाते हैं।
श्रीलंका के घटनाक्रम पर नजर रख रहे एक एशियाई राजनयिक का कहना है कि फिलहाल लड़ाई धीमी पड़ना संभव नहीं है। उनके अनुसार लिट्टे चुनिंदा ठिकानों पर हमले कर सकता है।
श्रीलंका के पूर्व नौसेना प्रमुख दया संदागिरि भी कहते हैं, "हम आराम से नहीं बैठ सकते। लिट्टे पर दबाव बनाने का अभियान चालू रखना होगा।" उनके अनुसार भारी नुकसान उठा कर भी लिट्टे अपने पहले वाले रूप में ही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।