पारे के उत्सर्जन से जुड़ी है ऑटिज्म की समस्या (संशोधित)
वाशिंगटन, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। मनुष्यों में एकांत रहने अथवा समाज से कट के रहने की प्रवृत्ति या बीमारी (ऑटिज्म) का सीधा संबंध पारे के उत्सर्जन से हो सकता है। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है।
टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ता रेमंड एफ. पाल्मर और लेक विश्वविद्यालय के स्टीफेन बलानचार्ड और रॉबर्ट वुड ने पाया कि दूषित स्थल से प्रत्येक दस माइल की दूरी पर ऑटिज्म की समस्या में एक से दो फीसदी की कमी आ जाती है।
पार्मर ने कहा, "यह कोई व्यापक शोध नहीं है बल्कि एक अध्ययन है जो वातावरण के प्रदूषण का ऑटिज्म से संबंध बताता है। हम जानना चाहते हैं कि वातावरण में भारी धातु के प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा किसको हो सकता है।"
यह अध्ययन टेक्सास के कोयला आधारित 39 विद्युत संयंत्रों और 56 अन्य उद्योगों पर किया गया। जबकि ऑटिज्म का अध्ययन टेक्सास के ही 1040 स्कूलों में किया गया।
इस अध्ययन के निष्कर्ष 'हेल्थ एंड प्लेस' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।