बच्चों जैसे शरारती होंगे रोबोट
वाशिंगटन, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। रोबोट में वास्तविक दुनिया के बारे में समझ विकसित करना हमेशा से टेढ़ी खीर रही है लेकिन यूरोपीय संघ की मदद से इस दिशा में फिर से प्रयास शुरू हो गए हैं।
यूरोपीय संघ की वित्तीय मदद से 'रोबोट कब' परियोजना यानि ऐसा रोबोट जिसकी समझ को विकसित किया जा सकना संभव हो, शुरू की गई है। इसके तहत 'आई कब' डिजाइन किए गए हैं। इनके प्रशिक्षण के लिए इन्हें यूरोप के छह अलग-प्रयोगशाला में भेजा जाएगा।
इस परियोजना के तहत 'आई कब' को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि ये अपने आस पास की चीजों को ज्यादा से ज्यादा समझ सकें। यह एक हद तक वैसा ही है जैसे बच्चों में धीरे धीरे समझदारी पैदा करने की कोशिश की जाती है।
उक्त छह परियोजनाओं में लंदन का 'इंपीरियल कालेज' भी शामिल है। यहां मानव मस्तिष्क में पाए जाने वाले 'मिरर न्यूरोन्स' को डिजिटल तकनीक में परिवर्तित करने की प्रक्रिया पर शोध किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 'मिरर न्यूरोन्स' की खोज 1990 के दशक की शुरुआत में हुई थी। इसके माध्यम से दूसरों की शारीरिक गतिविधियों को समझने के लिए पूर्व अनुभवों को याद करने में मदद मिलती है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बार्सिलोना की एक विशेष टीम 'आई कब' की बौद्धिक संरचना पर काम करेगी। इसी तरह पेरिस स्थित एक टीम इसकी सभी शारीरिक गतिविधियों नियंत्रित करने की प्रविधि पर शोध करेगी।
वहीं म्यूनिख के कुछ शोधकर्ता 'आई कब' की व्यवहारकुशलता के विकास पर काम कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।