मुद्रास्फीति दर 7.33 फीसदी पर पहुंची
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित यह दर 29 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में पिछले तीन सालों के अपने सबसे ऊंचे स्तर 7.41 पर पहुंच गई थी। पिछले सप्ताह इसने लोगों को कुछ राहत दी थी और यह मामूली रूप से घटकर 7.14 फीसदी पर आ गयी थी।
इससे पहले वाम दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उनसे कहा कि वह बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाएं। उन्होंने यह भी मांग की कि 25 वस्तुओं में वायदा कारोबार बंद किया जाए और कच्चे तेल पर से आयात शुल्क घटाया जाए।
वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने लोकसभा में बोलते हुए कहा, "हमने कुछ कदम उठाए हैं जिनका असर कुछ दिनों के बाद दिखेगा। तब तक हमें धर्य रखना पड़ेगा।" उन्होंने कहा कि घरेलु स्तर पर मुद्रा स्फीति अंतर्राष्ट्रीय कीमतों से प्रभावित है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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