भारत-पाक रिश्ते सुधारने के लिए संयुक्त प्रयास हो : प्रधानमंत्री
अखनूर, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बात के पक्षधर हैं कि भारत-पाकिस्तान सीमा पार आवाजाही बढ़नी चाहिए और इसके लिए मार्ग खोल दिए जाने चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की दिशा में दोनों देशों द्वारा संयुक्त प्रयास किए जाने की भी वकालत की।
जम्मू कश्मीर के दौरे पर आज अखनूर पहुंचे प्रधानमंत्री ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वह भारत-पाक बातचीत को उस हद तक आगे बढ़ाएंगे जहां दोनों देश आर्थिक और अन्य समस्याओं को सुलझाने के लिए संयुक्त रूप से काम कर सकें।
उन्होंने कहा कि अभी तक पाकिस्तान से बातचीत करने का वातावरण नहीं था। लेकिन अब वहां लोकतांत्रिक सरकार का गठन हो चुका है और बातचीत का वातावरण बना है।
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान की नवगठित सरकार के साथ बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी और दोनों देश सीमा का सम्मान करते हुए अपनी-अपनी समस्याओं को हल करने की दिशा में संयुक्त रूप से प्रयास करेंगे ताकि दोनों देशों की जनता खुशहाल जीवन व्यतीत कर सके।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है लेकिन जब तक सीमा पर शांति बहाल नहीं होती तब तक यह संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक देश होने के नाते दोनों देशों की जिम्मेवारी बनती है कि वह संयुक्त रूप से काम करें और महंगाई व अन्य आर्थिक समस्याओं का मिलजुल कर मुकाबला करें।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, "हम आवाजाही के लिए रास्ते खोलने के पक्षघर हैं। मैं चाहता हूं कि सियालकोट-जम्मू और कारगिल-स्कार्दू बस रास्ते को खोला जाए और दोनों देशों के बीच जो मौजूदा बसें चल रही हैं उनके फेरों में वृद्धि की जाए।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर पर हुए गोलमेज सम्मेलन में जो सिफारिशें आई थीं उसके क्रियान्वयन को लेकर सरकार गंभीर है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावितों, विस्थापित कश्मीरी पंडितों और सीमा पार के विस्थापितों को राहत दिए जाने की बात है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।