मप्रः निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में आरक्षण लागू
तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय की पचास सीटें अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित की गई है।
इस आदेश की पुष्टि करते हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल के नियंत्रक एस़ एस़ भदौरिया ने बताया, "अभी तक निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं था। इस आदेश के चलते यह व्यवस्था अब इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में लागू की जाएगी।"
तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव शमीम उबेद ने कहा, " फैसला तो पहले लिया जा चुका है। इसके आदेश भी विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं। इसके आधार पर ही आरक्षित वर्ग को निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में लाभ मिलेगा।"
इस व्यवस्था के तहत निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में 16 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जाति, 20 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 14 प्रतिशत स्थान पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे। शेष 50 प्रतिशत स्थान सामान्य वर्ग के लिए होंगे।
अनिवासी भारतीयों का कोटा दोनों वर्गो में 15 -15 प्रतिशत रहेगा। इन वर्गों की शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। इस फैसले से निजी महाविद्यालय प्रबंधन की प्रंबधन कोटा की मांग को सबसे बड़ा झटका लगा हैं। दरअसल, प्रबंधन कोटा संबधी मांगों को ठुकरा दिया गया।
इसके अलावा व्यावसायिक परीक्षा मंडल को प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट 31 मई से पूर्व कराने का आदेश दिया गया है। साथ ही परिणाम 10 दिन के भीतर अर्थात 10 जून से पहले घोषित करने के लिए कहा गया है। ऐसा होने पर महाविद्यालयों में जून के अंत तक प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस