बिहार में किन्नर बनेंगे सुरक्षाकर्मी
सरकार की योजनाओं को अगर अमलीजामा पहना दिया गया, तो आने वाले समय में बिहार के किन्नर कंधों पर ढोलक की जगह बंदूक लटकाते नजर आएंगे। राज्य के समाज कल्याण मंत्री दामोदर रावत ने बताया कि पहली बार बिहार सरकार किन्नरों के उत्थान के लिए कदम उठाई है।
रावत ने कहा कि किन्नरों के विकास के लिए उन्हें चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की नौकरी देने की तैयारी हो रही है। इसके साथ ही किन्नरों को सुरक्षा गार्ड की भी नौकरी दी जाएगी। किन्नरों को सामाजिक परिवेश में पहचान दिलाने एवं आर्थिक-सांस्कृतिक रूप से विकास की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए भी सरकार ने कई तरह के प्रयास आरंभ कर दिए हैं।
समाज कल्याण विभाग के सचिव विजय प्रकाश का मानना है कि सरकार किन्नरों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। सामाजिक संगठन से जुड़े डॉ. जोश कलपुरा ने कहा कि किन्नरों का इतिहास काफी पुराना है।
महाभारत काल में पहली बार किन्नर का उल्लेख मिलता है। बाद में मध्य काल में किन्नर हरमों में पहरेदार के रूप में तैनात किए जाते थे। उन्होंने कहा कि किन्नरों की हमेशा उपेक्षा हुई है। वर्तमान सरकार की पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ. कलपुरा ने कहा कि इससे किन्नरों को समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का मौका मिलेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस