अमेरिकी में नए राष्ट्रपति के आने तक ठंडे बस्ते में चला जाएगा परमाणु समझौता
वाशिंगटन, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका का नया राष्ट्रपति चाहे डेमोक्रेटिक पार्टी का हो या रिपब्लिकन पार्टी का, भारत-अमेरिका परमाणु समझौता के रास्ते में बाधाएं अवश्य उत्पन्न होगी।
वाशिंगटन, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका का नया राष्ट्रपति चाहे डेमोक्रेटिक पार्टी का हो या रिपब्लिकन पार्टी का, भारत-अमेरिका परमाणु समझौता के रास्ते में बाधाएं अवश्य उत्पन्न होगी।
अमेरिका के सहायक विदेशमंत्री रिचर्ड बाउचर ने कहा कि दोनों पार्टियों का अमेरिकी कानून हाइड एक्ट को पूरा समर्थन है। गौरतलब है कि बाउचर पूर्व में डेमोक्रेटिक पार्टी मेंभी काम कर चुके हैं।
बाउचर ने कहा कि राष्ट्रपति पद के मौजूदा तीनों दावेदार परमाणु करार और भारत के साथ संबंध सुधारने के पक्ष में हैं । लेकिन इसमें समस्या यह है कि चुनावों के बाद समझौते की मंजूरी के लिए कोई समय सीमा नहीं रह जाएगी।
बाउचर ने कहा के हर एक दिन बीतने के साथ ही समझौता होने के आसार धूमिल होते जा रही है। उन्होंने सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष जॉय बिडेन के नई दिल्ली में दिए गए उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने क हा था कि यदि कांग्रेस के समक्ष समझौता जून तक नहीं आया तो जुलाई तक इसे मंजूर कराना मुश्किल होगा।
बाउचर ने कहा कि अमेरिका समझौते में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए पूरे प्रयास कर रहा है। लेकिन हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करना चाहते हैं। अब समझौते पर भारत को निर्णय लेना है।
गौरतलब है कि भारत में सरकार को समर्थन दे रहे वामपंथी दलों के विरोध के कारण परमाणु समझौता रूका हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।