बुन्देलखंड में पानी के लिए लॉटरी का सहारा
बुन्देलखंड के टीकमगढ जिले के निवाड़ी कस्बा में पानी की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया हैं। नलों में पानी तो आता हैं मगर उसके आने का समय तय नहीं हैं और कितनी देर नल चलेंगे, यह भी कोई नहीं जानता। बस इसी कारण हर कोई पहले पानी भरना चाहता हैं जिससे झगड़ा होना आम हो गया है। झगड़ा न हो और पानी भी मिल जाए इसके लिए सभी ने एक बैठक की और तय किया कि सबसे अच्छा तरीका एक ही होगा कि पानी भरने का क्रम तय करने के लिए लॉटरी निकाली जाए।
कायस्थ मोहल्ला में रहने वाले निर्मला देवी खरे बताती हैं कि हर रविवार को सभी परिवारों के एक एक सदस्य इकट्ठा होते हैं। इस मोहल्ले में कुल 22 परिवार हैं और इतने ही अंक एक एक पर्ची में लिखकर डिब्बे में डाल दिए जाते हैं। हर व्यक्ति पर्ची उठाता है और जिसके हाथ जिस नंबर की पर्ची लगती हैं उसी क्रम से उसे पानी भरने का अधिकार मिल जाता है। यह व्यवस्था हर रविवार को बदलती है।
गृहिणी शीला देवी निवाडी के बिगड़ते हालातों से काफी चिन्तित हैं। वे कहती हैं कि पानी के लिए लॉटरी की व्यवस्था किए जाने से विवाद की स्थितियां बहुत कुछ कम हो गई हैं। हर परिवार को एक बार में दो डिब्बे पानी मिलता हैं। हर परेशान आदमी आधुनिक संचार माध्यम मोबाइल का भी बखूबी इस्तेमाल कर रहा हैं। नल आने और बारी आ जाने पर एक व्यक्ति दूसरे को मिस कॉल से यह बता देता हैं कि अब उसकी बारी आने वाली हैं।
नलों से आने वाले पानी से यहां के लोगों की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। इसी का लाभ कारोबारियों ने भी उठा रखा हैं और वे दो रुपए प्रति डिब्बे के हिसाब से बेचने में लगे हैं। लोगों की मजबूरी हैं इसलिए वे पानी खरीदने में ही अपनी भलाई समझते हैं। नगर पंचायत ने भी कुछ टैकर पानी के परिवहन के लिए लगाए हैं जिनसे प्रति परिवार दस डिब्बे पानी मिल पाता हैं। लेकिन यह टैंकर कितने दिन में आएगा, यह कोई नहीं जानता।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस