सप्ताह भर में 2 अग्निकांड, 180 झोपडि़यां राख
संदिग्ध रूप से नगर के उसी इलाके वार्ड नं 13 में मंगलवार को पुन: यह दूसरा अग्निकांड हआ है। प्रशासन द्वारा इस अग्निकांड में 45 झोपडि़यां जलने की पुष्टि की गई है। इस अग्निकांड में सामान व धन के साथ-साथ 4 बकरियां भी जलकर मर गईं, हालांकि गनीमत यह रही कि दोनों ही अग्निकांडों में किसी व्यक्ति के घायल होने अथवा मृत्यु को प्राप्त होने की खबर नहीं है। दोनों में से किसी भी अग्निकांड के कारणों का सही खुलासा नहीं हो पाया है तथा इन घटनाओं के पीछे कोई साजिश होने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व क्षेत्रीय विधायक तिलक राज बेहड़ द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है। ज्ञातव्य है कि क्षेत्र में होने वाले अग्निकांडों पर काबू पाने के लिए अग्निशामक दल व वाहन 15 किमी दूर स्थित जिला मुख्यालय रुद्रपुर से आते हैं, जिसके कारण अग्निकांड के अधिकतर मामलों में अग्निशामक दल के आने तक सबकुछ जलकर राख हो चुका होता है। एक ही सप्ताह में हुए लगातार 2 अग्निकांडों में हुई भीषण तबाही से क्षेत्रीय जनता में रोष व्याप्त हो चुका है तथा उनकी मांग है कि फायर ब्रिगेड की 2 गाडि़यां क्षेत्रीय तहसील व नगर पालिका में रोकने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण अग्निकांडों के होने पर समय रहते ही काबू पाया जा सके।
अग्निकांड
पर
भी
राजनीति
की
रोटियां:
मंगलवार
को
प्रदेश
के
जिला
उधम
सिंह
नगर
के
नगर
किच्छा
में
हुए
अग्निकांड
की
सूचना
पर
मौके
पर
पहुचे
राजनेताओं
के
मध्य
विवाद
की
स्थिति
उत्पन्न
हो
गई।
वहां
पहुंचे
पूर्व
नगर
पालिकाध्यक्ष
सुरेश
अग्रवाल
व
भाजपाई
नेताओं
धर्म
जायसवाल,
ओम
प्रकाश
पप्पू
आदि
के
मध्य
पूर्व
पालिकाध्यक्ष
के
कार्यकाल
के
दौरान
नगर
में
दमकल
वाहन
की
व्यवस्था
न
किए
जाने
को
लेकर
तीखी
नोंक-झोंक
हो
गई।
बात
इतनी
बढ़
गई
कि
पुलिस
प्रशासन
व
खुफिया
तन्त्र
द्वारा
बीच
बचाव
करवाया
गया
तथा
इन
नेताओं
को
इस
दुखद
घटना
को
लेकर
राजनैतिक
स्वार्थ
पूरे
न
करने
की
सलाह
दी
गई।