1993 विस्फोट मामले में पहचान परेड
शिनाख्त परेड टाडा अदालत के न्यायाधीश पी डी कोडे के समक्ष हुयी। अभियोग पक्ष की महिला गवाह ने बताया कि 1993 में जनवरी में वह सिद्दीकी और सलेम के साथ गुजरात के भरूच में मारूति 1000 कार से यात्रा की थी।
महिला ने कहा कि भरूच में एक रात बिताने के बाद सब लोग मारूति से मुंबई वापस आ गये। हालांकि वह दोनो के इरादे से वाकिफ नहीं थी लेकिन दोस्त होने के कारण वह इन लोगों के साथ भरूच गयी थी।
अभियोग पक्ष के अनुसार सिद्दीकी और सलेम ने मारूति गाड़ी से शस्त्र मुंबई लेकर आये थे और फिल्म अभिनेता संजय दत्त समेत अन्य दोषियों में बांटे थे। महिला से कल भी पूछताछ जारी रहेगी।
पहली गवाह के साथ ही अबू सलेम और उसके साथियों की अलग से सुनवाई आज से शुरू हो गयी। दुबई से प्रत्यर्पित मुस्तफा दोसा उर्फ मुस्तफा मजनू के मामले में बुलाया गया गवाह हाजिर नहीं हुआ।
दोसा,
सलेम
और
दो
अन्य
साथी
रियाज
सिद्दकी
और
अब्दुल
कय्यूम
अंसारी
को
उस
समय
गिरफ्तार
किया
गया
था
जब
लगभग
100
लोगों
की
इस
मामले
में
सुनवाई समाप्त
हो
चुकी
थी।
उल्लेखनीय
है
कि
12
मार्च
1993
को
मुंबई
में
श्रृंखलाबद्ध
बम
विस्फोट
हुआ
था
जिसमें
257
लोग
मारे
गये
थे
और
574
लोग
घायल
हो
गये
थे।