कबाड़ी की केकड़ों से अनोखी यारी
इन्दौर, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। इन्दौर के खजराना इलाके में रहने वाले लियाकत अली करते तो कबाड़ी का काम हैं, मगर उनकी यारी अनोखी है। उनकी यह यारी किसी आदमी से नहीं बल्कि केकड़ों से है। अनोखे यारबाज लियाकत अली दोस्ती के मामले में मिसाल बन गए हैं। शहर के लोग तो उन्हें अब 'केकड़ा मैन' कहने लगे हैं।
दुनिया में वैसे तो तरह-तरह के शौकीन हैं। अजीबोगरीब शौक ने कई लोगों को न केवल ख्याति दिलाई है बल्कि औरों के लिए आदर्श भी बनाया है। कुछ इसी तरह का निराला शौक लियाकत अली का है, जिन्हें एक नहीं सैकड़ों केकड़ों के बीच रहने में मजा आता है। लियाकत ने अपने इन दोस्तों के बीच वक्त काटने का कुछ अलग ही तरीका अपना रखा है।
लियाकत अली ने अलग ही तरह का एक पिंजरा बनवाया है, जिसमें एक नहीं कई केकड़े होते हैं और इनके बीच वह खुद प्रवेश कर जाते हैं। 35 वर्षीय लियाकत जब पिंजरे में होते हैं तो कोई केकड़ा उनकी जुबान पर बैठा होता हैं तो कोई आंखों की पलकों पर। केकड़े डंक भी मारते हैं मगर उन पर उसका कोई असर नहीं होता।
केकड़े तो अब लियाकत के लिए खिलौने हो गए हैं। वह बताते हैं जब वे 14 साल के थे तब उन्हें केकड़े पकड़ने में मजा आता था। शुरू में तो माता पिता ने ऐसा करने से रोका लेकिन इसके बावजूद उन्होंने केकड़ों से दूरी नहीं बनाई।
धीरे धीरे उन्हें केकड़ों के बीच रहने में मजा आने लगा। आज स्थिति यह है कि वह घंटों केकड़ों के बीच गुजार देते हैं। वह कहते हैं कि जब भी उन्हें फुरसत के पल मिलते हैं तो वे अपने दोस्त केकड़ों के बीच रहने को प्राथमिकता देते हैं। भले ही लोग केकड़ों से डरते हों, देखते ही भागने लगते हों मगर लियाकत के लिए वे दोस्त हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।