युगांडा ने भारत में नियुक्त किया भारतीय मूल की राजदूत
नईदिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। ऐसा नहीं है कि भारत की राजधानी में महिला राजदूत देखने को नहीं मिलतीं लेकिन भारत में युगांडा की राजदूत सचमुच खास हैं।
नईदिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। ऐसा नहीं है कि भारत की राजधानी में महिला राजदूत देखने को नहीं मिलतीं लेकिन भारत में युगांडा की राजदूत सचमुच खास हैं।
भारत में युगांडा का प्रतिनिधित्व करने वाली निमिशा माधवानी भारतीय मूल की हैं।
किसी भी आम भारतीय के लिए युगांडा की यादें तानाशाह इदी अमीन और 1972 में उसके द्वारा एशियाइयों के निष्कासन से जुड़ी हुई हैं।
उस घटना के लगभग साढ़े तीन दशक बाद युगांडा ने भारतीय मूल की एक महिला को राजदूत बना कर यहां भेजा है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।
माधवानी अपनी नियुक्ति को दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखती हैं। माधवानी कहती हैं, "यह एक संदेश है कि भारतीय और एशियाई समाज को एक बार फिर देश का अभिन्न हिस्सा माना जाने लगा है।"
माधवानी ने बताया कि 1972 में जिस समय इदी अमीन ने भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए सभी एशियाइयों को 90 दिन के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया था, उस समय वह 13 वर्ष की थीं। उनका परिवार भी देश छोड़ कर ब्रिटेन चला गया था। इसके बाद उनका परिवार 1979 में दोबारा लौट पाया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।