स्पेन के लोक नृत्य की दिल्ली में रंगारंग प्रस्तुति
नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। स्पेन से आईं फ्लेमेंको नृत्यांगना मैरिया पेजेज और उसकी छह सहयोगियों ने कमानी आडिटोरियम में रंगारंग लोक नृत्य मंगलवार को पेश किया।
स्पेन के दूतावास और भारतीय सांस्कृतिक संबंधों की परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पेजेज और उनके ग्रुप की छह सहयोगियों के साथ पांच संगीतकारों ने भी समां बांध दिया। पेजेज पिछले 40 सालों से फ्लेमेंको नृत्य पेश कर रही हैं और उन्होंने इस नृत्य को भारतीय परंपरागत नृत्य कथक से जोड़ा है।
कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पेजेज ने कहा कि वह कथक के बारे में थोड़ा-बहुत जानती हैं। दोनों नृत्यों के बीच एक संबंध है पर फ्लेमेंको में कई अलग तत्व हैं।
दरअसल, फ्लेमेंको नृत्य का एक रोचक इतिहास है और उसका भारत के साथ नजदीकी संबंध है। मूलत: यह एक कबीलाई नृत्य है। विशेषज्ञों ने इस नृत्य के बारे में बताया है कि यह भारत के परंपरागत नृत्यों भरतनाट्यम, कथकली,कुचीपुडी और कथक की तरह है।
फ्लेमेंको नृत्य का आधुनिक रूप 18वीं सदी में आया, जो 'कैफे डांस' के तौर पर प्रसिद्ध हुआ। इसका प्रदर्शन जिप्सी नर्तक या नर्तकी करते थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।