चीनी समर्थकों ने किया बीबीसी का विरोध
सूचना के अनुसार मैनचेस्टर में भी बीबीसी कार्यालय के सामने 'आई लव चाइना' की टी-शर्टे पहने करीब एक हजार व्यक्तियों ने धरना दिया।
इसके अतिरिक्त करीब 300 व्यक्तियों ने लंदन में संसद के सामने भी प्रदर्शन किया।
मैनचेस्टर में इस अवसर पर दो घंटे के शांत प्रदर्शन के दौरान बीबीसी के नाम एक खुला पत्र भी पढ़ा गया।
प्रदर्शन का आयोजन करने वाले टियान यैंग ने कहा, "हमारा इतना ही कहना है कि लोग हमारी और चीनी लोगों की बात सुनें। बीबीसी एक राष्ट्रीय प्रसारक है। जिस तरीके से वह अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं वह एकतरफा होती है।
वह अपने विचार तिब्बती सरकार (निर्वासित) और विदेशी याचिकाओं से लेती है।"
इसके विपरीत बीबीसी का कहना है कि चीन सरकार द्वारा तिब्बत में रिपोर्टिग पर लगी पाबंदियों के बावजूद उनकी खबरें निष्पक्ष होती हैं।
बीबीसी के बयान के अनुसार ओलंपिक मशाल दौड़ और उसके विरोध प्रदर्शनों की जानकारी भी इसी तरह निष्पक्ष रही है।
उधर एक चीनी दैनिक के ऑनलाइन संस्करण ने शनिवार को सूचना दी कि 6 अप्रैल को ओलंपिक मशाल दौड़ के मार्ग पर और खेलों के पक्ष में हजारों लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपना समर्थन व्यक्त किया था।
दैनिक ने कहा कि इसके विपरीत अनेक ब्रिटिश अखबारों ने अज्ञानतापूर्ण खबरें छापीं थीं। उनके प्रकाशनों में केवल तिब्बत समर्थकों की तस्वीरें और साक्षात्कार थे।
इस बीच चीन के अनेक शहरों में प्रदर्शनकारियों ने तिब्बत की आजादी के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने फ्रांसीसी वस्तुओं के बहिष्कार की भी मांग रखी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।