बुश ने फिर की जलवायु परिवर्तन रोकने में भारत व चीन की भागदारी की मांग
वाशिंगटन, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने एक बार फिर कहा है कि भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यस्थाओं को शामिल किए बिना जलवायु परिवर्तन के खिलाफ किसी भी मुहिम को सफल नहीं बनाया जा सकता है।
वाशिंगटन, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने एक बार फिर कहा है कि भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यस्थाओं को शामिल किए बिना जलवायु परिवर्तन के खिलाफ किसी भी मुहिम को सफल नहीं बनाया जा सकता है।
शनिवार को कैंप डेविड में अपने आरामगाह में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली मायुंग-बाक के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान बुश ने कहा, "भारत और चीन जैसे देशों की पूरी भागीदारी के बिना आप किसी समझौते के बारे में सोच भी कैसे सकते हैं। मैंने ली को आश्वस्त किया है कि जुलाई में जापान में होने वाली जी 8 की बैठक के दौरान इसका पूरा प्रयास किया जाएगा कि सभी बड़ी आर्थिक शक्तियां इन प्रयासों में शामिल हों।"
बुश ने ली के साथ अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन पर मिलकर काम करने की इच्छा जताई।
गौरतलब है कि विश्व की 16 प्रमुख आर्थिक शक्तियों की तीसरी बैठक पेरिस में होने वाली है। बैठक में विचार किया जाना है कि ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन रोकने संबंधी क्योटो प्रोटोकाल के 2012 में समाप्त हो जाने के बाद कैसे इस संबंध में एक और समझौते को मूर्त रूप दिया जा सके।
बुश ने कहा कि वह एक ऐसा समझौता चाहते हैं जिसमें किसी भी देश को अनावश्यक लाभ न पहुंचे।
इससे पहले बुश ने गुरुवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन के साथ बातचीत में कहा था कि जब तक भारत और चीन जैसे देशों को शामिल नहीं किया जाता तब तक इस संबंध में किसी समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है।
चीन के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर बुश ने कहा कि वह चीन के साथ सकारात्मक संबंध बनाने की इच्छा रखते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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