भारत-सऊदी अरब की मल्टी एंट्री वीजा पर सहमति
रियाद, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत और सऊदी अरब के बीच आज द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए मल्टी एंट्री वीजा (बहु प्रवेश) जारी प्रदान करने पर सहमति बनी। विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी और सऊदी अरब के विदेश मंत्री सउद अल-फैज़ल के बीच रविवार को एक विशेष बैठक में इस विषय पर विमर्श हुआ।
बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, "दोनों पक्षों का मानना है कि दोनों ओर के व्यापारियों को द्विपक्षीय निवेश के लिए मल्टी एंट्री वीजा दिया जाए।"
उन्होंने बताया कि दो घंटे चली यह बैठक बहुत ही दोस्ताना माहौल में हुई।
दोनों पक्षों ने संयुक्त निवेश फंड की स्थापना किए जाने पर भी विमर्श किया। इस शुरुआत से दोनों देशों के व्यापारियों को एक दूसरे के यहां साझेदारी में व्यवसाय शुरू करने का अवसर मिलेगा।
प्रवक्ता ने बताया, "सऊदी मंत्री का कहना था कि ऐसा फंड दोनों देशों के बीच स्थापित किया जाए।"
इस दिशा में दोनों देशों के औद्योगिक समूह पूर्ण सहयोग करेंगे।
दोनों देशों ने सऊदी शाह अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज की जनवरी 2006 की यात्रा के दौरान करार किए गए 'द्विपक्षीय निवेश संवर्धन और सुरक्षा समझौता' (बीआईपीपीए) को भी मंजूरी दी।
इसके अतिरिक्त बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में निवेश पर भी विचार किया गया। मुखर्जी ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में 500-600 अरब डॉलर निवेश करने का सामथ्र्य रखता है।
मुखर्जी ने दोनों देशों के बीच तेल क्षेत्र को अधिकाधिक आपसी मुनाफा योग्य बनाने पर जोर दिया।
प्रवक्ता ने बताया, "सऊदी मंत्री ने भारतीय तेल कंपनियों को अरब तेल कंपनियों के साथ संयुक्त साझेदारी में तेल खोजने का न्यौता दिया।"
इस अवसर पर मध्य-पूर्व की शांति प्रक्रिया पर भी विचार हुआ। इसके अतिरिक्त इजराइली-फिलस्तीनी मुद्दे और अन्नापोलिस बैठक के बाद के हालात पर भी अल-फैजल ने जानकारी दी।
मुखर्जी ने पाकिस्तान की नई सरकार से संबंधों पर जानकारी दी। मुखर्जी ने अपनी 20 मई की पाकिस्तान यात्रा के बारे में भी जानकारी दी।
कूटनीतिक सूत्रों ने विदेश मंत्री की इस यात्रा को सफल बताया है। मुखर्जी रविवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।