प्रेमी के साथ मिलकर मां-पिता व भाई-बहनों की थी हत्या
लखनऊ, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। इश्क ऐसा हावी हुआ कि हैवान बना दिया। लड़की ने प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता व भाई-बहनों को मौत की नींद सुला दिया। चौदह अप्रैल की रात ज्यातिबाफूले नगर (अमरोहा) में एक ही परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में पुलिस ने शबनम और सलीम को गिरफ्तार कर आज हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा किया।
पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर पुलिस पूरी तत्परता से इसे मामले को खोलने में लगी थी और अंतत: उसे सफलता हाथ लगी। मायावती स्वयं यहां आईं थीं। इस हत्याकांड में 24 वर्षीय शबनम ही एक मात्र जीवित बची थी क्योंकि वह छत पर सो रही थी। यह हत्याकांड हसनपुर थाना क्षेत्र के बावनखेड़ी गांव में हुआ था।
जल्दी ही पुलिस को शबनम पर शक होने लगा और इसका आधार था घर का मजबूत लोहे का दरवाजा था जिसे तोड़कर अंदर आना सम्भव नहीं था और पुलिस यही मानकर चली कि दरवाजे को अंदर से ही खोला गया है। मारे गए सभी लोगों के शवों से भी पता चलता था कि ये सभी मूर्छित अवस्था में थे और प्रतिरोध किए जाने के कोई लक्षण नहीं मिले।
शबनम के मोबाइल का विवरण प्राप्त करने के बाद पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण सूत्र लगे। तीन महीने में 900 से ज्यादा बार उसकी बात उसी गांव में आरा मशीन चलाने वाले सलीम पुत्र अब्दुल रऊफ से हुई थी। दोनों के बीच गहरा इश्क था।
पुलिस महानिदेशक के अनुसार शबनम का परिवार हर दृष्टि से सलीम के परिवार से सम्पन्न था और शबनम स्वयं शिक्षा मित्र के रूप में कार्यरत थी। पारिवारिक रूतबे में बराबरी न होने के कारण शबनम के घरवालों ने दोनों की शादी से इंकार कर दिया था।
शादी न करने देने से नाराज प्रेमी ने प्रेमिका के घरवालों को ही साफ करने का इरादा किया और इसमें उसका साथ प्रेमिका ने बखूबी निभाया। सलीम के दिए जहर को शबनम ने रात में खाने के बाद चाय में मिलाकर अपने माता-पिता और अन्य सदस्यों को दे दिया। फिर सलीम ने घर आकर कुल्हाड़ी से सबके गले काट डाले। दस वर्षीय बच्चे को गला घोंट कर मारा गया। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सलीम और शबनम ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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