अदालतों की आर्थिक विकास व समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्य न्यायाधीश
नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन ने शनिवार को न्यायपालिका के लिए अधिक धन मुहैया कराने की जरूरत बताते हुए कहा कि 'अदालतों की देश की आर्थिक समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका हैं।'
मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायलयों के मुख्य न्यायाधीशों की वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने न्यायपालिका के लिए अधिक धन मुहैया कराने की बात उठाई।
बालाकृष्णन ने कहा, "देश की अदालतें आर्थिक समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि राष्ट्र की समृद्धि और आर्थिक विकास में कानून के राज की महत्वपूर्ण भूमिका है।"
उन्होंने कहा, "जब कानून कमजोर पड़ता है तो संपति और अधिकारों को खतरा पैदा हो जाता है और ये आर्थिक प्रगति को बाधित कर सकते हैं।"
न्यायपालिका के पास अर्पाप्त आधारभूत सुविधाओं की ओर ध्यान खींचते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस कारण भारी संख्या में मामले लंबित पड़े हैं और अदालती प्रक्रिया के प्रति लोगों में असंतोष पैदा हो रहा है।
उन्होंने कहा, "एक आधुनिक राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि के लिए कम से कम एक आधुनिक न्यायिक व्यवस्था की जरूरत है।"
उन्होंने न्यायपालिका को सरकार की सबसे उपेक्षित शाखा करार देते हुए कहा कि बार-बार की कोशिशों के बावजूद नई अदालतें शुरू करने के लिए सरकार द्वारा मुहैया कराए गए कोष बहुत उत्साहजनक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि जब हम तेज आर्थिक विकास और त्वरित पर्वितन की वकालत कर रहे हैं तो क्यों नहीं न्यायपालिका में सुधार पर गंभीरता से सोंच रहे है।
उन्होंने कहा, "हम सभी राज्य सरकारों से अपील करते हैं कि वह न्यायपालिका में सुधार के लिए हर संभव सहयोग करें।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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