जलवायु परिवर्तन को रोकने में चीन, भारत की भागीदारी जरूरी : बुश
वाशिंगटन, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती का प्रस्ताव तब तक लागू नहीं हो सकता है जब तक भारत व चीन जैसे देश इसके लिए तैयार नहीं हो जाते।
वाशिंगटन, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती का प्रस्ताव तब तक लागू नहीं हो सकता है जब तक भारत व चीन जैसे देश इसके लिए तैयार नहीं हो जाते।
बुश ने बुधवार को कहा कि क्योटो प्रावधानों को हर बड़ी अर्थव्यवस्था पर लागू किया जाना चाहिए और किसी को भी इससे छूट नहीं मिलनी चाहिए। बुश ने साफ कहा कि यदि ऐसे किसी भी समझौते में चीन और भारत जैसे देश शामिल नहीं होंगे तो वह समझौता सही ढंग से काम नहीं कर सकता है।
बुधवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन के साथ व्हाइट हाउस में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बुश ने कहा कि पहले भी वह विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाए बिना इस मुद्दे पर कोई रास्ता निकालने की बात कह चुके हैं।
बुश ने कहा कि उन्होंने ब्राउन को आश्वासन दिया है कि जुलाई में होने वाले जी -8 सम्मेलन के पहले वह इस मामले पर किसी प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय सहमति को कायम करने के लिए प्रयास करेंगे।
बुश की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब दुनिया भर के 80 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करने वाले 16 देशों के मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन पेरिस में होने जा रहा है।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की कार्ययोजना के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन पर क्योटो समझौते के प्रावधानों को लागू करने की समय सीमा 2012 तय की गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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