पानी से आर्सेनिक अलग करेगा फिल्टर
पहले चरण में यह बलिया, बहराइच और लखीमपुर जिले में लगाए जाएंगे। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे पूरे प्रदेश में लगाया जाएगा। पिछले कुछ वर्षो से पानी में निरंतर बढ़ रही संखिया की मात्रा लोगों की चिंता की एक बड़ी वजह बन चुकी थी। लिहाजा इस समस्या से निपटने के लिए यूनीसेफ ने पहल की है।
यूनिसेफ ने उप्र जल निगम को पश्चिम बंगाल और राजस्थान में कम्युनिटी एक्टिव एलुमिना फिल्टर की सफलता के बारे में जानकारी दी है। साथ ही इस कार्य के बाबत जल निगम को नौ लाख की धनराशि भी उपलब्ध कराई है। बंगाल कालेज ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा निर्मित फिल्टर की कीमत तीन लाख रुपये है।
इस फिल्टर की खासियत यह है कि इससे 300 परिवार साफ पानी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ग्रामीणों में जनजागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें स्वयं सेवी संस्थाएं अहम भूमिका निभाएंगी। पहले चरण में यह फिल्टर प्रदेश के बहराइच, बलिया और लखीमपुर जिले के सारे गांवों में लगाया जाएगा। बाद में इसकी सफलता के आधार पर फिल्टर को पूरे प्रदेश में लगाए जाने की योजना है।
इसके रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दी जायेगी। इस कार्यक्रम से जुड़े सामुदायिक सहभागी इकाई के अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण का सारा खर्च यूनिसेफ वहन करेगा। ये फिल्टर मई माह में लगाए जाएंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।