निजी प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों से खफा उच्च न्यायालय
लखनऊ , 18 अप्रैल (आईएएनएस)। सरकारी डाक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने के मामले में कोई ठोस नतीजा नहीं मिलने के बाबत उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने छत्रपति साहूजी चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति डा. सरोज चुड़ामणि को ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने चिकित्सकों के घरों पर पड़ रहे आकस्मिक छापों को भी उचित बताया है।
लखनऊ , 18 अप्रैल (आईएएनएस)। सरकारी डाक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने के मामले में कोई ठोस नतीजा नहीं मिलने के बाबत उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने छत्रपति साहूजी चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति डा. सरोज चुड़ामणि को ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने चिकित्सकों के घरों पर पड़ रहे आकस्मिक छापों को भी उचित बताया है।
ज्ञात हो कि शिव प्रताप की ओर से दायर की गई याचिका पर न्यायमूर्ति प्रदीपकांत और न्यायमूर्ति एस. एन. शुक्ला की खंडपीठ ने निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन कार्रवाई की शिथिलता को देखते हुए पीठ ने कहा कि राज्य सरकार व चिकित्सा विवि प्रशासन इस मामले में कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा है।
उधर जब इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता एस. के. कालिया ने पीठ से वरिष्ठ डाक्टरों के यहां पड़ रहे छापों की बात कही तो खंडपीठ ने जवाब दिया कि यह राज्य सरकार और चिकित्सा विवि का काम है कि वह कानूनन प्राइवेट प्रैक्टिस रोके। इसके लिए सरकार और प्रशासन जो कदम कानून के मुताबिक उठा रहे हैं उस पर अदालत का हस्तक्षेप ठीक नहीं है।
यही नहीं पीठ ने कुलपति से साफ शब्दों में कहा कि सरकारी डाक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस का अधिकार नहीं है। पीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 28 अप्रैल निश्चित की है साथ ही चिकित्सा विवि की कुलपति से डाक्टरों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बारे में जानकारी मांगी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।