तिब्बती प्रदर्शनकारियों के लिए वरदान बना इंटरनेट
नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किं ग की सुविधा मुहैया कराने वाले साइट चीन विरोधी तिब्बती प्रदर्शनकारियों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। ये साइट उन्हें वैश्विक मंच प्रदान कर रहे हैं।
सोशल नेटवर्किं ग की साइट फेसबुक पर 'तिब्बत' शब्द पर कम से कम 15 समूह (कम्यूनिटी) मौजूद हैं। लेकिन सबसे ज्यादा समूह 'फ्री तिब्बत' नाम से बने हैं। इनके सदस्यों की संख्या 88,460 है। आज दोपहर तक इसमें 8,700 पोस्ट, 1,727 तस्वीरें, 360 बहस के लिए विषय और 51 वीडियो मौजूद थे।
साइट पर मौजूद बहस के विषय स्वभाविक रूप से चीनी सरकार की नीतियों की आलोचना पर आधारित हैं लेकिन इन समूहों से अलग कुछ दूसरे लोगों का आरोप है कि यह सब पश्चिमी मीडिया की झूठी खबरों से प्रभावित है।
तस्वीरों वाली साईट 'फ्लिक्र' पर तिब्बत और इसके बाहर के प्रदर्शनकारियों की कुछ तस्वीरें देखी जा सकती हैं। 'यू ट्यूब' जैसे साइट पर तो आरोप-प्रत्यारोप से भरे वीडियो क्लिपिंग की भरमार है। तिब्बत समर्थकों और चीन समर्थकों ने अपने अपने तरीके से उक्त साइट का भरपूर इस्तेमाल किया है।
तिब्बत के प्रदर्शनकारियों द्वारा इंटरनेट पर बनाए गए ब्लॉग के अध्ययन से पता चलता है कि इस नए जनमाध्यम का उपयोग सुनियोजित तरीके से एक सर्वेक्षण की तरह किया गया है।
वेबसाइट 'फॉग सिटी जर्नल' के एक पोस्ट के मुताबिक, "विरोध प्रदर्शन, वीडियोग्राफी और तस्वीरें लेने की योजना बनाने और साथियों को इनकी सूचना देने के लिए इमेल का इस्तेमाल किया जाता है।"
गौरतलब है कि दिल्ली में ओलंपिक मशाल रिले के दौरान सूचनाएं एकत्रित करने का अनुरोध तिब्बती प्रदर्शनकारियों ने पूरी दुनिया में मौजूद अपने साथियों से किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।