दसवीं पास करता है मरीजों का उपचार
जिले
के
गौरीपुर
गांव
में
स्थित
प्राथमिक
चिकित्सा
केंद्र
में
कार्यरत
चतुर्थ
श्रेणी
के
कर्मचारी
संजीत
सरकार
स्थानीय
ग्रामीणों
के
लिए
किसी
चिकित्सक
से
कम
नहीं
है।
आलम
यह
है
कि
मात्र
10वीं
पास
इस
शख्स
को
स्थानीय
लोग
'डाक्टर
बाबू'
के
नाम
से
पुकारते
हैं।
इस केन्द्र में बुखार, उल्टी-दस्त इत्यादि के मरीजों को कोई एमबीबीएस चिकित्सक नहीं बल्कि संजीत ही दवा देता है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनगोबिंद मंडल ने कहा, "मुझे इसमें कोई बुराई नहीं दिखती है। आखिरकार वह कोई सर्जरी तो करता नहीं है। केवल बुखार, उल्टी-दस्त के मरीजों को दवा ही देता है।"
उन्होंने बताया कि चार साल पहले इस केन्द्र में नियुक्त चिकित्सक का तबादला किसी दूसरे जिले में कर दिया गया था। तब से इस केन्द्र में किसी चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की गई है। मंडल मानते हैं कि इस कर्मचारी के प्रयासों से मरीजों की कुछ सहायता तो अवश्य होती है।
इसी प्रकार इस केंद्र में नर्स का काम करने वाली सुतापा सरकार और कंपाउंडर के रूप में काम करने वाले मिलन सरदार भी मात्र 10वीं पास हैं। संजीत कहता है, "पढ़ाई की अपेक्षा काम करने से ज्यादा अनुभव मिलता है। मैं यहां 12 साल से काम कर रहा हूं और लगभग 500 मरीज यहां आते हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस