महंगाई पर लगाम के लिए एक और कवायद (लीड-2)
नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। देश में बढ़ रही महंगाई पर लगाम लगाने की एक और कवायद के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज सीआरआर यानी नकद आरक्षित अनुपात को 50 बेसिस प्वाइंट से बढ़ाकर 8 फीसदी करने की घोषणा की। बैंक के इस कदम का उद्देश्य देश में मुद्रा की अतिरिक्त तरलता पर अंकुश लगाना है।
बैंक से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस वृद्धि को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण के अंतर्गत 26 अप्रैल 2008 से सीआरआर में 25 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि हो जाएगी जबकि 10 मई 2008 से सीआरआर बढ़कर 8 फीसदी हो जाएगा।
विज्ञप्ति के मुताबिक बैंक की प्राथमिकता में फिलहाल मुद्रा की तरलता का व्यावहारिक प्रबंधन है।
रिजर्व बैंक के अनुसार देश में बढ़ रही महंगाई को काबू मे करने के लिए इस कदम को उठाना जरूरी हो गया था। बैंक ने बताया कि 12 जून 2008 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश में महंगाई दर 3.83 फीसदी थी जो 29 मार्च 2008 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान बढ़कर 7.41 फीसदी तक पहुंच गई। उधर केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय से आज जारी आंकड़ों के अनुसार 5 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान महंगाई दर गिरकर 7.14 फीसदी तक आ गई।
बैंक के गवर्नर वाई.बी रेड्डी के कल न्यूयार्क में दिए बयान के ठीक एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है। रेड्डी ने कल कहा था कि बैंक देश में बढ़ रही महंगाई को काबू में करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा।
बैंक के अनुसार देश की मौजूदा आर्थिक परिस्थितियोंके मद्देनजर यह कदम वांछनीय है। इस घोषणा के बाद अब देश के सभी व्यावसायिक, क्षेत्रीय ग्रामीण व सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक में अपना नकद आरक्षित अनुपात अतिरिक्त 50 बेसिस प्वाइंट से बढ़ाना होगा।
रिजर्व बैंक के अनुसार 3 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच देश में लिक्वीडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी यानी एलएएफ के तहत 400.88 अरब रुपये की आपूर्ति हुई जबकि 17 मार्च से 31 मार्च 2008 के बीच औसतन आपूर्ति 273.85 अरब रुपये थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।