बैतूल में जीता भाजपा प्रबंधन
भोपाल 17 अप्रैल (आईएएनएस) मध्यप्रदेश के बैतूल लोकसभा उप चुनाव में भाजपा को मिली जीत ने एक बात तय कर दी हैं कि पार्टी का प्रबंधन भी कमजोर नहीं हैं। बैतूल में मुद्दों के साथ मूल लड़ाई चुनाव प्रबंधन की भी थी, जिसमें भाजपा ने कांग्रेस को पटखनी देने में सफलता हासिल की हैं।
बैतूल का उप चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए अहम माना जा रहा था। यही वजह थी कि दोनो दलों ने जीत के लिए सब कुछ दाव पर लगा दिया था। राजनैतिक बयानबाजी तो इस हद तक पहुंच गई थी कि कोई किसी पर भी किसी स्तर पर जाकर आरोप लगाने में पीछे नहीं था।
इस चुनाव को जीतने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रबंधन के दो महारथी केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी को कमान सौंपी। इन नेताओं ने अपनी टीम के साथ जमीन-आसमान एक कर दिया। चुनाव अभियान में किसी भी मोर्चे पर पीछे नहीं रहे।
दूसरी ओर भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ मिलकर बाजी जीतने के लिए हर तरह का जोर लगा दिया। भाजपा ने इस चुनाव में प्रबंधन में माहिर और अभी हाल ही में राज्यसभा सदस्य चुने गए प्रभात झा का सहारा लिया। भाजपा को प्रबंधन के मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी साथ मिला।
शुरूआती दौर में बैतूल उपचुनाव में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही थी। इसकी मूल वजह कहीं न कहीं पार्टी का कमजोर प्रबंधन माना जा रहा था। सरकार विरोधी असर भी भाजपा के लिए चिन्ता का कारण था। चुनाव अभियान ज्यों ज्यों आगे बढ़ा पार्टी ने अपने प्रबंधन को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मंत्रियों की पूरी फौज से लेकर सक्रिय कार्यकर्ताओं को मैदान में उतार दिया गया। दूसरी ओर कांग्रेस का सारा दारोमदान कमलनाथ और पचौरी के जिम्मे रहा।
प्रबंधन की कारगर रणनीति का ही कमाल रहा कि शुरू में पिछड़ी नजर आ रही भाजपा ने जीत हासिल कर ली। हालांकि यह जीत पिछले चुनाव के मुकाबले आधे वोटों से हैं, लेकिन फिर भी जीत तो जीत है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।