असुरक्षित लोग अंधविश्वासों में अधिक यकीन करते हैं
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। आमतौर पर अगर काली बिल्ली रास्ते से गुजर जाए तो लोग इसे एक अशुभ संकेत मानते हैं। लेकिन विशेषज्ञों की राय में यह कोई अशुभ संकेत नहीं है।
विशेषज्ञों के मुताबिक स्वयं को असुरक्षित महसूस करने वाले लोग ही ऐसे अंधविश्वासों में अपेक्षाकृत अधिक यकीन करते हैं।
दिल्ली स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ के संस्थापक व मनोरोग चिकित्सक डा. संजय चुग कहते हैं, "जब हम डरे होते हैं, तो सुरक्षित महसूस करने के लिए कुछ भी करने से नहीं चूकते हैं। "
डा. चुग मानते हैं कि ज्यादातर घबराये व डरे हुए लोग ही बिना किसी तर्क-आधार के ऐसे अंधविश्वासों में यकीन करते हैं।
डा. चुग के मुताबिक ऐसे अंधविश्वासों को मानने वाले लोगों को दो भागों में बांटा जा सकता है।
प्रथम श्रेणी में उन लोगों को शामिल किया जा सकता है जो कि केवल दूसरों की नकल में ऐसा करते हैं।
इसी प्रकार दूसरी श्रेणी में ऐसे लोगों को शामिल किया जा सकता है जिन्हें विश्वास होता है कि ऐसा करने से उन्हें कुछ न कुछ लाभ अवश्य होगा।
इसी प्रकार दिल्ली स्थित 'विद्या सागर इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस' (विमहन्स अस्पताल) में मनोरोग चिकित्सक डा. संजय पटनायक के मुताबिक शिक्षा के अभाव में लोग ऐसी रूढ़ियों में ज्यादा यकीन करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि कभी-कभी लोग इन अंधविश्वासों के कारण स्वयं को हताश-निराश महसूस करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को मनोचिकित्सकों से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।