मध्यप्रदेश में एक योजना ने बदल दी लड़कियों की हैसियत
भोपाल, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। कई बार कोशिश उम्मीद से कहीं ज्यादा रंग दिखाती है। मध्यप्रदेश में भी लड़कियों के लिए बनी लाड़ली लक्ष्मी योजना ने भी ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। अब तो परिवारों के लिए बिटिया बोझ नहीं बल्कि लाड़ली हो चली है। कई परिवारों ने तो दो लड़कियां होने के बाद परिवार नियोजन कराने में भी हिचक नहीं दिखाई है।
मध्यप्रदेश सरकार ने लगभग दो साल पहले बाल विवाह रोकने, बालिकाओं के शिक्षा स्तर में सुधार, उनके स्वास्थ्य में सुधार, लिंगानुपात में सकारात्मक परिवर्तन, परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करने और जनसंख्या वृद्घि दर को रोकने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना को अमल में लाया था। इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिल सकता है जो दो लड़कियों के बाद लड़के की चाहत नहीं रखते।
इस योजना के मुताबिक बालिका के नाम का पंजीयन होने के समय 6000 रुपये तथा उसके पश्चात 4 साल तक 6 हजार के राष्ट्रीय बचत पत्र क्रय किये जायेंगे। इस तरह उस बालिका के नाम 30 हजार के राष्ट्रीत बचत पत्र हो जायेंगे। इतना ही नहीं जब लड़की 5वीं पास कर लेगी तो उसे 2 हजार रुपये, कक्षा 8वीं पास करने पर 4 हजार रुपये और 10वीं पास करने पर साढे सात रुपये एकमुश्त दिया जाएगा। इसके अलावा 11वीं कक्षा में प्रवेश करने के पश्चात आने वाले दो वर्ष तक 200 रुपये प्रतिमाह का भुगतान होगा। जब बालिका का विवाह होगा तो उसे 1 लाख रुपये से अधिक की राशि प्राप्त होगी।
सरकार की इस योजना ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मंडला जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाके नारायणगंज में तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आये हैं। अब से 2 साल पहले जहां इस इलाके में कुल 388 एलटीटी ऑपरेशन हुए थे जिनमें मात्र 5 परिवार ऐसे थे जिन्होंने 2 लड़कियों के बाद ऑपरेशन कराया था। मगर पिछले वर्ष में 2 लड़कियों के बाद ऑपरेशन कराने वालों की तादाद 150 तक पहुंच गई। इस वर्ष तो यह आकड़ा 300 तक पहुंचा है जो कुल ऑपरेशनों का 57 प्रतिशत है।
सरकार से जुड़े लोग इस योजना को कारगर मान रहे हैं। उनका मानना है कि सरकार ने जिन उद्देश्यों को लेकर यह योजना शुरू की है उसे लोग भी जान गये है और उन्होंने इसे दिल से स्वीकार लिया है। यही वजह है कि इस तरह के नतीजे सामने आने लगे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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