भारत व चीन को कार्बन छूट अनुचित: अमेरिका

By Staff
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Dana Perino
वाशिंगटन 15 अप्रैल: अमेरिका का मानना है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को कार्बन डाइ ऑक्साईड के उत्सर्जन में दी जाने वाली छूट से न केवल जलवायु पर्वितन की समस्या गहरी होगी बल्कि इससे अमेरिका की ढेरों नौकरियां भी भारत और चीन की ओर चली जाएंगी।

ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव डाना पेरिनो ने कहा, "हमारी सबसे बड़ी चिंताओं में से एक यह है कि विकासशील देशों को क्योटो प्रोटोकाल में शामिल नहीं किया गया है।"

गौरतलब है कि क्योटो प्रोटोकाल एक समझौता है जिसके तहत दुनिया भर के 173 देशों ने ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम करने के लिए आपस में मिल कर काम करने का निर्णय किया है।

उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका को ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में बहुत अधिक कमी करनी पड़ी तो उसे अपने ढेरों संयंत्रों को बंद करना पड़ेगा। ऐसे में संयंत्रों को ऐसी जगहों पर ले जाना पड़ेगा जहां कार्बन डाइ ऑक्साईड के उत्सर्जन पर इतना प्रतिबंध न हो।

पेरिनो ने कहा कि हम भारत, चीन और अन्य विकासशील देशों को क्योटो समझौते के अंदर लाने की कोशिश कर रहे हैं।

डाना का यह बयान संयुक्त राष्ट्र के जलवायु मामलों के अधिकारी य्वो डि बोएर के उस बयान की प्रतिक्रिया में आया है जिसमें कहा गया था कि भारत और चीन पर उस तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए जाने चाहिएं जैसे की अमेरिका और अन्य विकसित देशों पर लगाए गए हैं।

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