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ओलंपिक मशाल दौड़ पर खाकी का सुरक्षा कवच (लीड)

By Staff
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नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी में ओलंपिक मशाल दौड़ से मात्र कुछ घंटे आज पहले दिल्ली में रह रहे पांच हजार तिब्बतियों पर निगरानी कड़ी कर दी गई है।

लंदन और पेरिस में मशाल दौड़ के दौरान उठे विरोधों को देखते हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, अर्धसैनिक बलों और हजारों पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तैनात किया गया है।

तमाम निगरानियों के बावजूद सुरक्षा बल आज तिब्बतियों के एक समूह को समानांतर ओलंपिक मशाल दौड़ को अंजाम देने से नहीं रोक सके।

विरोध प्रदर्शन कर रहे तिब्बतियों को देखते ही पुलिस हरकत में आई और उनकी 'ओलंपिक मशाल' को बुझाया गया, लेकिन इस दौरान एक युवती के कपड़ों में आग लगने से वह घायल हुई। घटना के बाद 27 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही तिब्बतियों के एक समूह ने ऐलान किया था कि वह राजघाट से जंतर-मंतर तक एक समांतर मशाल दौड़ आयोजित करेंगे।

तिब्बती नेता तेनसिन सुंदे का कहना है, "हम अपनी योजना में परिवर्तन करते रहेंगे। यह चूहे और बिल्ली के खेल की तरह होगा। बिल्ली के पंजे बेशक मजबूत हैं लेकिन अंतत: चूहा ही जीतेगा।"

इस पर भी केंद्र सरकार आशा व्यक्त कर रही है कि मशाल दौड़ के दौरान कोई कठिनाई नहीं आएगी। उधर चीनी दूतावास पर भी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।

ओलंपिक मशाल दौड़ के साथ करीब 600 पुलिसकर्मी भी साथ-साथ दौड़ेंगे। इसके अतिरिक्त अन्य सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अभी तक मशाल धावकों की सूची जारी नहीं की है। संघ अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी मशाल दौड़ की पूर्व संध्या पर सूची जारी करेंगे।

इस बीच चौबीसवें ओलंपियाड की बीजिंग ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के उपाध्यक्ष ल्यू जिंग मिंग भी करीब दर्जन भर चीनी विद्यार्थियों के साथ यहां पहुंचेंगे जो ओलंपिक मशाल के साथ सुरक्षाकर्मियों के तौर पर रहेंगे।

सूत्रों के अनुसार मशाल दौड़ के साथ चीनी सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।

आईएएनएस को मिली जानकारी के अनुसार भारत और चीन के बीच मशाल सुरक्षा को लेकर मंत्रणा अभी चल रही है।

सूचना के अनुसार बीजिंग ने अपने 16 सुरक्षाकर्मियों को मशाल के साथ रखने का प्रस्ताव दिया है। इस विषय पर केंद्र सरकार अधिक उत्साहित नहीं दिखती। इस विषय पर फैसला कुछ देर बाद लिया जाएगा।

एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमें पता चला है कि आत्मदाह या शायद मानव बम जैसी कोई घटना हो सकती है। हमारे व्यक्ति सभी संवेदनशील स्थानों पर मौजूद रहेंगे।"

इस बीच पूर्व चीनी राजदूत सुन युक्सी के अधीन एक आठ सदस्यीय चीनी प्रतिनिधिमंडल को समारोह के लिए विशेष तौर पर दिल्ली के मुख्य सचिव राकेश मेहता से मिला और सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया।

एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, "कुछ चीनी सदस्यों का सोचना है कि मशाल दौड़ में बाधा डालने के लिए तिब्बती हवा के गुब्बारे भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि ऐसा कुछ नहीं होगा।"

उधर भारत के नव निर्वाचित गृह राज्य मंत्री शकील अहमद ने कहा है कि सरकार मशाल की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करेगी।

उन्होंने कहा, "यह हमारी जिम्मेदारी और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है कि मशाल दौड़ सफलतापूर्वक संपन्न हो लेकिन हम चाहते हैं कि किसी के लोकतांत्रिक अधिकारों का भी उल्लंघन न हो।"

भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते वह तिब्बतियों को विरोध प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकती, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि वह मशाल के निकट न पहुंचें।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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