भारत-बांग्लादेश के बीच 43 साल बाद चली रेल
विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस ट्रेन को रवाना किया। नादिया जिले में बांग्लादेशी शरणार्थियों के पुनर्वास की मांग कर रहे कुछ लोगों द्वारा पटरियों पर आ जाने के कारण ट्रेन को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
फूलों से सजी इस ट्रेन ने अपनी ऐतिहासिक यात्रा की शुरूआत सुबह सवा दस बजे कोलकाता स्टेशन से की जो ढाका छावनी स्टेशन तक जाएगी। मुखर्जी ने बांग्ला नववर्ष पोइला बैशाख पर रिमोट कंट्रोल के जरिए ट्रेन को रवाना होने का सिग्नल दिया।
इस मौके पर रेल मंत्री लालू प्रसाद तथा अन्य लोग भी मौजूद थे। छह डिब्बों वाली यह ट्रेन कोलकाता और ढाका छावनी के बीच सप्ताह में दो बार चलेगी। यह कोलकाता से शनिवार और रविवार को सुबह सात बजकर दस मिनट पर चलेगी तथा रात साढ़े दस बजे ढाका पहुंचेगी। ढाका से यह सुबह साढ़े आठ बजे रवाना होगी और रात्रि नौ बजे कोलकाता पहुंचेगी।
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