भारत में महामारी का रूप ले सकता है स्तन कैंसर : विशेषज्ञ
नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत में यदि स्तन कैंसर को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो अगले दस सालों में यह बीमारी एक महामारी का रूप ले लेगी।
नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत में यदि स्तन कैंसर को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो अगले दस सालों में यह बीमारी एक महामारी का रूप ले लेगी।
यह कहना है इटली के जाने-माने कैंसर विशेषज्ञ व शल्य चिकित्सक ओमबटरे वेरोंसी का।
इटली के शहर मिलान में यूरोपियन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑकोलॉजी के निदेशक ओमबटरे ने आईएएनएस को एक भेंटवार्ता में बताया, "समय रहते ही भारत में स्तन कैंसर को रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। इसकी जागरूकता ही लोगों में जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर स्पष्ट करेगा।"
उन्होंने कहा कि महिलाओं में कैंसर का सबसे प्रचलित रूप है स्तन कैंसर। अंतर्राष्ट्रीय कैंसर शोध संस्थान के अनुसार 2015 तक भारत में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या 250000 तक पहुंच सकती है।
करीब 83 वर्षीय ओमबटरे एक गैर सरकारी संस्थान के सहयोग से शोधकर्ताओं को कैंसर पर शोध करने में मदद करते हैं। वह पिछले दिनों स्तन कैंसर पर व्याख्यान देने गुड़गांव आए थे।
ओमबर्टों ने कहा, "सबसे जरूरी है महिलाओं क ो समझाना ताकि उनमें जागरूगता बढ़े। सरकार को चाहिए कि वह संबंधित अस्पतालों को जरूरी मशीने जैसे मैमोग्राफी मशीन उपलब्ध कराए।
उसके बाद महिलाओं के डर को समझाना होगा कि मैस्टैक्टोनोमी (एक या दोनों स्तनों को हटा देना) ही इसका एकमात्र हल नहीं है। भारत में स्तन कैंसर पर अच्छा काम हो रहा है।"
ओमबटरे 50 सालों से कैंसर पर शोध कर रहे हैं। उनके 500 से अधिक अध्ययन प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने साफ कहा कि इसके इलाज की संभावना 90 फीसदी तक है।
उन्होंने कहा कि भारत में इसके मामले बढ़ने के पीछे महिलाओं का ज्यादा उम्र में मां बनना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।