लड़का जो आधी लड़की भी है
बुंदेलखंड के जालौन जिले के मुहारा गांव का रहने वाला द्रवेंद्र पाल के शरीर में पिछले कुछ वर्षो से ऐसे बदलाव आए हैं कि वह लड़की बनने की इच्छा रखने लगा है। देवेन्द्र के पिता रती राम और माता तारा देवी बताते हैं कि बचपन से ही उनके पुत्र को पेशाब के दौरान तकलीफ होती थी। चिकित्सकों से उपचार कराया तो सब ठीक हो गया।
पिछले कुछ अरसे से देवेंद्र के सीने में बदलाव शुरू हो चुका है तथा उसे मासिक धर्म जैसी स्थिति से भी गुजरना पड़ रहा है। माह में एक बार देवेंद्र को इतनी तकलीफ होती है जिसे उसके लिए सहन कर पाना मुश्किल हो जाता है।
देवेंद्र भी चाहता है कि अगर उसके शरीर में महिला हार्मोंन्स विकसित हो रहे हैं तो चिकित्सक उसे महिला ही बना दें। देवेंद्र का पहनावा तो लड़कों जैसा अर्थात पैन्ट शर्ट तथा जीन्स टीशर्ट है। इसके बावजूद उसने लड़कियों की तरह बाल कटा रखे हैं और हाथ पैर में महावर व नेल पालिश भी लगाता है। उसकी बातचीत का अंदाज भी बदलने लगा है। वह रहता तो लड़कों के बीच है परंतु उसका हुलिया और अंदाज लड़कियों की माफिक हो चला है।
देवेंद्र का परीक्षण करने वाले उरई के शल्य चिकित्सक डा. रमेश चन्द्रा तथा डा़ रेणु चन्द्रा ने बताया हैं कि वे उसका चिकित्सकीय परीक्षण कर रहे हैं। रिपोर्ट इस बात की पुष्टि कर देती है कि देवेंद्र को महिला का रूप दिया जा सकता है तो वे चिकित्सकों के दल के साथ उसका ऑपरेशन करेंगे।
चिकित्सकों के मुताबिक महिलाओं के शरीर में पुरुषों की तरह ही एक छोटा जननांग प्लिट्रिक होता है। कई महिलाओं में यह ज्यादा विकसित हो जाता है, देवेंद्र के साथ भी ऐसा ही हुआ है। इस जननांग के आधार पर उसे पूरा परिवार लड़का मान बैठा है।
चिकित्सकों का मत है कि परीक्षण यह सिद्ध कर देते हैं कि देवेंद्र को लड़के से लड़की बनाने में कोई दिक्कत नहीं है तो उन्हें भी ऐसा करने में कोई आपत्ति नहीं है। समाज भी अपूर्ण पुरुष को तो स्वीकार लेता है मगर बांझ महिला को तिरस्कार भरी नजर से देखता है इसीलिए चिकित्सक सारी संभावनाओं को टटोलकर ही कदम उठाना चाहते हैं। देवेंद्र में पूर्ण महिला की संभावना होगी अर्थात वह मां बन सकने में सक्षम होगा तभी चिकित्सक ऑपरेशन जैसा कदम उठाएंगे।