जैव ईंधन बनाने में नहीं होगा खाद्यान्नों का प्रयोग : प्रधानमंत्री (लीड)
एयर इंडिया के विशेष विमान से, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत में इथेनोल बनाने के लिए गन्ने या फिर उन पौधों का प्रयोग नहीं किया जाएगा जिनका इस्तेमाल खाद्य पदार्थो के लिए किया जाता है।
एयर इंडिया के विशेष विमान से, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत में इथेनोल बनाने के लिए गन्ने या फिर उन पौधों का प्रयोग नहीं किया जाएगा जिनका इस्तेमाल खाद्य पदार्थो के लिए किया जाता है।
प्रधानमंत्री का मानना है कि भारत द्वारा जैव ईंधन के उत्पादन को लेकर ब्राजील के साथ गंभीर विचार-विमर्श भले ही किया जा रहा हो लेकिन इस संबंध में ब्राजील की नीति का अनुसरण नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के साथ लातिन अमेरिकी देशों की यात्रा पर रवाना हुए अक्षय ऊर्जा मंत्री विलास राव मुत्तेमवर ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जैव ईंधन के उत्पादन में खाद्य पदार्थो का प्रयोग नहीं करने की हिदायतें दी हैं।
मंत्री ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री जैव ईंधन के उत्पादन के लिए खाद्य पदार्थो के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने इस बारे में अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है।"
उन्होंने कहा कि जैव ईंधन के उत्पादन के लिए हम जट्रोफा की खेती को बढ़ावा देंगे।
मंत्री ने बताया कि चीनी का उत्पादन करने वाले राज्य ईंधन में 10 फीसदी इथेनोल का प्रयोग करते हैं। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जैव ईंधन के संबद्ध में प्रधानमंत्री के विचारों का ज्यादा समर्थन करती नहीं दिखीं।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत चीनी द्वारा तैयार किए जाने वाले इथेनोल के उत्पादन के लिए ब्राजील से सहयोग की मांग करेगा? राष्ट्रपति ने कहा, "इस बारे में दोनों देशों के विशेषज्ञ विचार-विमर्श करेंगे।"
गौरतलब है कि वर्तमान में ब्राजील विश्व में सर्वाधिक सस्ते दामों में इथेनोल का निर्यात कर रहा है। ब्राजील में पेट्रोल के कम से कम प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है।
जीवाश्म ईंधनों की तुलना में इथेनोल के प्रयोग से कार्बन डाईआक्साइड गैस का उत्सर्जन अपेक्षाकृत कम होता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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