जिम्बाब्वे में अदालत ने वोटों की पुन: गणना पर रोक लगाई : एमडीसी (लीड)
हरारे, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। जिम्बाब्वे के प्रमुख विपक्षी दल मूवमेंट फॉर डेमोक्रेटिक चेंज (एमडीसी) ने रविवार को कहा कि देश के उच्च न्यायालय ने जिम्बाब्वे के चुनाव आयोग (जेडईसी) को वोटों की दोबारा गणना करने से रोक दिया है।
एमडीसी के वकील ने कहा कि उनके दल ने जेडईसी द्वारा वोटों की दोबारा गणना के खिलाफ अदालत में शुक्रवार को याचिका दायर की थी, जिसके बाद अदालत ने यह फैसला दिया है।
एमडीसी का दावा था कि चुनाव के नतीजों की घोषणा किए बिना वोटों की पुन: गिनती नहीं की जा सकती है।
विपक्षी दल के वकील के अनुसार किसी भी प्रत्याशी द्वारा नतीजों की घोषणा के 48 घंटों बाद वोटों की दोबारा गणना की मांग रखी जा सकती है। उनके अनुसार इस विषय पर कानून स्पष्ट है।
उधर जेडईसी ने रविवार को घोषणा की है कि वह 210 निर्वाचन क्षेत्रों में से 23 में दोबारा गिनती करेगा। एमडीसी ने इस घोषणा का विरोध जताया है।
विपक्षी दल एमडीसी का कहना है कि राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे सदन के निचले सदन में विपक्ष को मिली जीत में घुसपैठ कर सकते हैं।
एमडीसी के अनुसार उनके नेता मॉर्गन स्वांगिराई को राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल हुई है।
विपक्षी एमडीसी के प्रवक्ता नेल्सन चमीसा ने कहा, "हम किसी दोबारा गणना को कबूल नहीं करेंगे। चुनावी बक्से दो सप्ताह से जेडईसी के कब्जे में हैं और केवल भगवान ही जानता है कि उनके साथ क्या किया गया है।
शायद उन्होंने बक्सों में नकली वोट डाल दिए हों।"
इसके जवाब में राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के दल ज़ानू-पीएफ ने एमडीसी पर वोट खरीदने और चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
ज़ानू-पीएफ के अनुसार मुगाबे और स्वांगिराई में से किसी ने भी राष्ट्रपति चुनाव नहीं जीते हैं, इसलिए 'रन ऑफ' जरूरी है।
इस बीच जिम्बाब्वे का उच्च न्यायालय जेडईसी को चुनावी नतीजों की घोषणा करने पर जोर देने के लिए एमडीसी की एक अन्य याचिका पर गौर कर रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।