राजा ज्ञानेंद्र ने चुनाव परिणामों को स्वीकार किया
काठमांडू , 13 अप्रैल (आईएएनएस)। नेपाल के नववर्ष के अवसर पर रविवार को शाही महल से जारी राजा ज्ञानेंद्र के संदेश में कहा गया है कि वह लोगों द्वारा दिए गए निर्णय को स्वीकार करते हैं।
काठमांडू , 13 अप्रैल (आईएएनएस)। नेपाल के नववर्ष के अवसर पर रविवार को शाही महल से जारी राजा ज्ञानेंद्र के संदेश में कहा गया है कि वह लोगों द्वारा दिए गए निर्णय को स्वीकार करते हैं।
नेपाल नरेश ने अपने बयान में कहा कि उनको देश के लोगों पर पूरा विश्वास है और वह देश में तथा बाहर रहने वाले सभी व्यक्तियों को शांति, स्वास्थ्य और समृद्ध की शुभकामना देते हैं।
राजा ने देश में अपने खिलाफ 2006 में विरोध प्रदर्शनों के कारण सत्ता छोड़ने के 14 महीने बाद पिछले हफ्ते अपना मौन तोड़ते हुए जनता से स्वतंत्र और निर्भय होकर गुरुवार के संविधान सभा के चुनावों में वोट डालने की अपील की थी।
राजा की अपील को स्वीकार करते हुए 1.76 करोड़ मतदाताओं में से 60 प्रतिशत ने स्वीकार किया और मतदान करके उनको तथा उनके अनुचरों को सत्ता से बेदखल करने का निर्णय सुना दिया। राजा ने भी उनके निर्णय को स्वीकार कर लिया है।
माओवादियों को बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली स्वीकार करने के लिए तैयार करने वाले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और नोबेल पुरस्कार विजेता जिमी कार्टर ने संकेत किया है नेपाल में शाह सामा्रज्य और राजा का अंत हो सकता है।
गुरुवार को हुए चुनावों का पर्यवेक्षण कर रहे जिमी कार्टर ने कहा कि नेपाल के राजनीतिज्ञों का मानना है कि राजशाही समाप्त हो जानी चाहिए।
नेपाल नरेश का अपने साम्राज्य पर निरकुंश शासन करने और माओवादियों को सेना की सहायता से समाप्त करने का दांव उल्टा पड़ चुका है।
बंदूक की जगह मतपत्रों से परिवर्तन लाने का मार्ग स्वीकार कर चुके माओवादियों के पक्ष में चलने वाली लहर ने महत्वाकांक्षी राजा को सत्ता से बेदखल करने का मार्ग साफ कर दिया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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