मप्र के गरीबों का पेट भरेगा अन्नपूर्णा योजना से
भोपाल, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के गरीबों को 15 अप्रैल के बाद शायद भूखा न सोना पड़े। ऐसी उम्मीद इसलिए है क्योंकि इस दिन से प्रदेश के गरीबों को सस्ती दर पर अनाज देने की योजना की शुरुआत हो रही है। जिसे नाम दिया गया है मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना।
करीब डेढ़ माह पहले घोषित की गई इस योजना के मुताबिक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को तीन रुपए किलो गेहूं और साढ़े चार रुपए किलो चावल दिया जाना प्रस्तावित है। इस योजना की शुरुआत 15 अप्रैल को भोपाल से होने जा रही है। इस योजना से प्रदेश के लगभग 41 लाख परिवार लाभान्वित होंगे जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। प्रत्येक परिवार को बीस किलो खाद्यान्न जिसमें गेहूं और चावल शामिल हैं प्रतिमाह प्रदान किया जाएगा।
इससे पूर्व प्रदेश सरकार ने अन्त्योदय अन्न योजना शुरू की थी जिससे लगभग 16 लाख परिवार लाभान्वित हुए थे। इस योजना में पीले राशन कार्ड धारियों को दो रुपए किलो गेहूं और तीन रुपए किलो चावल दिया जा रहा है। यह हितग्राही पैंतीस किलो खाद्यान्न प्रतिमाह प्राप्त कर रहे हैं ।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को आवंटित खाद्यान्न समय पर मिले इसके लिए नागरिक आपूर्ति विभाग ने अग्रिम उठाव प्रारंभ कर दिया था। 15 अप्रैल को यह योजना भोपाल से शुरू होगी। इसके बाद 16 अप्रैल रीवा, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, इन्दौर और सागर सम्भागीय मुख्यालयों में बी़ पी़ एल़ हितग्राहियों के शिविर लगाकर योजना को शुरू किया जाएगा। जिले स्तर पर इस योजना की शुरुआत 17 अप्रैल को होगी।
मुख्य मंत्री अन्नपूर्णा योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी कलेक्टरों पर रहेगी और गड़बड़ियों को रोकने का काम उनके अधीनस्थों पर रहेगा। इसके लिए निगरानी समिति भी गठित की गई है। काला बाजारी रोकना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहेगा इसलिए उचित मूल्य की दुकानों पर इन्द्राज तथा लेजर रजिस्टर की भी व्यवस्था की गई हैं।
सरकार की इस योजना से गरीबों में उम्मीद तो जागी है मगर उन भूखे परिवारों का वाकई में तभी पेट भर पाएगा जब उन्हें उनका हक मिलेगा। पिछली योजनाएं गवाह रही हैं कि उन लोगों को लाभ कम मिला है जिनके लिए योजनाएं बनी थीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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