बांग्लादेश में महिला कानून के खिलाफ प्रदर्शन, 200 घायल
ढाका, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। बांग्लादेश में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए जाने का जहां एक तरफ मुख्य न्यायाधीश व एक भारतीय धर्मशास्त्री ने समर्थन किया हैं वहीं दूसरी ओर मुस्लिम संगठन इसे कुरान विरोधी बता रहे हैं। नीति के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में अब तक 200 लोग घायल हो चुके हैं।
गौरतलब है कि बीते माह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश में राष्ट्रीय महिला विकास नीति-2008 की घोषणा की थी।
ढाका में शुक्रवार को 'दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन' (सार्क) द्वारा आयोजित एक सेमिनार के दौरान मुख्य न्यायाधीश एम. रुहुल अमीन ने इस नीति को पूरी तरह न्यायसंगत बताया, जबकि मुस्लिम संगठनों के कुछ प्रतिनिधियों ने विरोध जताया।
समाचार एजेंसी 'यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश' (यूएनबी) के अनुसार ढाका व चिटगांव में अलग-अलग स्थानों पर हुए विरोध प्रदर्शनों में दौ सौ लोग घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को ढाका स्थित बैतुल मुकर्रम मस्जिद के समीप एक जूलुस निकाला व महिला एवं बाल मामलों की सलाहकार राशिदा के. चौधरी और मुख्य सलाहकार फखरुद्दीन अहमद के इस्तीफे की मांग भी की।
समाचार पत्र 'द डेली स्टार' लिखता है, "मस्जिद के पास तीन प्रदर्शनकारियों ने तो एक पुलिसकर्मी को ही पीट दिया था। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान लगभग 52 पुलिसकर्मी और पांच पत्रकार भी घायल हो गए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस ।
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