नाटक से जफर की अस्थियां भारत मंगवाने के प्रयास तेज होंगे
लंदन, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि मुगल इतिहास पर लिखे उनके हालिया नाटक के बाद आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर की अस्थियों को भारत लाने के प्रयास तेज होंगे।
लंदन, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि मुगल इतिहास पर लिखे उनके हालिया नाटक के बाद आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर की अस्थियों को भारत लाने के प्रयास तेज होंगे।
खुर्शीद शुक्रवार को लंदन में अपने नाटक 'सन्स ऑफ बाबर' के पाठ कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे। खुर्शीद का नाटक हिंदू-मुस्लिम संबंधों की व्यापक पड़ताल करता है।
इस अवसर पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के इतिहासकार तपन रायचौधरी ने खुर्शीद की बात का समर्थन करते हुए सलाह पेश की कि जफर की अस्थियों को दिल्ली लाकर हुमायूं के मकबरे में दफनाना चाहिए।
खुर्शीद ने कहा, "भारत में अनेक लोग हैं जो बहादुरशाह जफर की अस्थियों के वापस लाए जाने की बात करते हैं, इसी तरह वे कोहिनूर और शिवाजी की तलवार भी वापस देखना चाहते हैं।
उनका कहना है कि हमारा राष्ट्रीय गौरव इसके बिना अधूरा है।"
उन्होंने कहा कि जफर की अस्थियों को लाल किला में दफनाया जाए या कहीं और, यह बड़ा सवाल रहेगा। उनकी राय में इस पर देश में बात हुई है, लेकिन अब तक कोई व्यापक बहस देखने को नहीं मिली।
इस अवसर पर इतिहासकार तपन रायचौधरी ने कहा, "मेरा मानना है कि अस्थियां भारत पहुंचाई जानी चाहिए। बहादुरशाह जफर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि वह हालांकि 1857 को देश का पहला स्वतंत्रता संग्राम नहीं मानते लेकिन उस दौरान सभी संप्रदायों के लोग एक साथ सामने आए थे।
रायचौधरी के अनुसार जफर की अस्थियां दफनाने का एक स्थान दिल्ली स्थित हुमायूं का मकबरा हो सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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