खाद्यान्न कीमतों में वृद्धि से गरीबों पर संकट : विश्व बैंक
वाशिंगटन, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व बैंक के अध्यक्ष रार्बट जोएलिक ने दुनिया भर में खाद्यान्नों की बढ़ती कीमतों के गरीबों के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति गंभीर चिंता प्रकट की है।
जोएलिक के अनुसार इससे दुनिया भर में गरीबी घटाने के प्रयासों को धक्का लगा है। बुधवार को जारी विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि अनाजों की बढ़ती कीमतों ने गरीबी कम करने के लिए 1998 से अब तक किए गए सभी प्रयासों पर पानी फेर दिया है।
जोएलिक ने संवाददाताओं को बताया कि बांग्लादेश में दो किलो चावल की कीमत एक गरीब आदमी की दैनिक आमदनी की करीब आधी है। यमन में गरीब अपनी दैनिक आमदनी का करीब चौथाई भाग भोजन पर व्यय कर रहे हैं।
पूरी दुनिया में गेंहू की कीमतें पिछले साल 120 प्रतिशत बढ़ी हैं। पिछले तीन सालों में यह कीमतें करीब 181 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। विश्व बैक के अनुमान के अनुसार पिछले तीन वर्षो में अनाजों की कीमतों में 83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इनमें 2015 के पहले कमी होने की कोई संभावना नहीं है।
खाद्यान्न संकट का प्रभाव विकासशील देशों में गरीबी कम करने के लिए शिक्षा में वृद्धि और मृत्यु दर कम करने जैसे कार्यक्रमों पर पड़ता है।
विश्व बैंक ने कहा कि अमेरिका द्वारा मक्के से पेट्रोल के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले एथेनाल के निर्माण के कारण 2004 से 2007 के बीच मक्के की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। जैविक ईंधन के उत्पादन के कारण गेंहू,सोयाबीन और पाम आयल के तेलों के दाम में भी वृद्धि हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।