कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकता है 'काला सोना'
वाशिंगटन, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। वैज्ञानिकों ने एक नवीनतम शोध में पाया है कि मिट्टी में चारकोल मिलाकर उसकी उर्वरता बढ़ाई जा सकती है। इस तरह से बनी मिट्टी को काला सोना (ब्लैक गोल्ड) कहा गया है।
अध्ययन में पाया गया है कि नई तकनीक से तैयार मिट्टी पर्यावरण के लिए भी बेहतर है। इस विधि से कार्बन को मिट्टी में ही जमाकर रखा जा सकता है। ऐसा करके इसे वातावरण में फैलने से रोका जा सकेगा।
नई खोज लगभग 1,500 वर्ष पुरानी तकनीक पर आधारित है। उस दौरान आमेजन बेसिन के जनजातीय समुदाय के लोग मिट्टी में जानवरों की हड्डियों और पेड़ की छाल से तैयार चारकोल मिट्टी में मिलाया करते थे।
बताया जाता है कि परंपरागत तकनीक पर आधारित खेती की उक्त विधि क्रांतिकारी साबित हो सकती है। इससे एक तरफ जहां भूख से लड़ने में मदद मिल सकती है, वहीं दूसरी तरफ ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन कम करके पर्यावरण संकट को भी कम किया जा सकता है।
'डेलावेयर स्टेट यूनिवर्सिटी' के मिंगजिंग गो जो उक्त अध्ययन के सह लेखक भी हैं ने कहा, "चारकोल से उर्वरा क्षमता बढ़ाने से मिट्टी में जैविक तत्वों की स्थाई रूप से वृद्धि हो जाती है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ जाती है।"
'अमेरिकन केमिकल सोसाइटी' के 235 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में गुरुवार को इस अध्ययन के निष्कर्ष का खुलासा किया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।