फिल्म रिलीज को लेकर निर्माता मुस्लिम धर्मगुरुओं की शरण में
लखनऊ, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जीवन पर अंग्रेजी में बनी फिल्म 'द मैसेज' को हिन्दी में बनाने वाले फिल्म निर्माता अब इसे रिलीज कराने के लिए मुस्लिम धर्म गुरुओं की शरण में आए हैं। निर्माता ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कई सदस्यों के साथ-साथ अन्य मुस्लिम धर्म गुरुओं से इस फिल्म को पहले देखकर इस पर अनापत्ति देने की गुजारिश की है ताकि फिर फिल्म को रिलीज किया जा सके।
लखनऊ, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जीवन पर अंग्रेजी में बनी फिल्म 'द मैसेज' को हिन्दी में बनाने वाले फिल्म निर्माता अब इसे रिलीज कराने के लिए मुस्लिम धर्म गुरुओं की शरण में आए हैं। निर्माता ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कई सदस्यों के साथ-साथ अन्य मुस्लिम धर्म गुरुओं से इस फिल्म को पहले देखकर इस पर अनापत्ति देने की गुजारिश की है ताकि फिर फिल्म को रिलीज किया जा सके।
पर्सनल लॉ बोर्ड के एक सदस्य ने आईएएनएस को बताया कि उनसे सम्पर्क किया गया है लेकिन अभी वह इस मामले में अधिकृत रूप से कुछ नहीं कहना चाहते क्योंकि वह इस माामले में पहले अन्य धर्म गुरुओं का रुख देखना चाहते हैं। अलबत्ता उन्होंने यह अवश्य कहा कि लखनऊ में प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेताओं को एक ही स्थान पर यह फिल्म दिखायी जाएगी।
आईएएनएस को इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार 'द मैसेज' को हिन्दी में शहाब अहमद नाम के निर्माता ने 'रिसाला' नाम से बनाया है और इसकी पटकथा और संवाद हसन कमाल ने लिखे हैं। इस फिल्म में भारतीयों के अलावा अरबी कलाकारों ने भी काम किया है।
फिल्म का कथानक उस दौर का है जब पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब इस्लाम की शिक्षाओं और इसके पैगाम के प्रचार प्रसार में लगे थे, लेकिन अरब में एक तबका उनकी मुखालफत करता था और उन्हें सम्मानजनक ढंग से संबोधित नहीं करता था।
सूत्रों ने बताया कि निर्माता को आशंका है कि उस दौर में पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के लिए इस्लाम विरोधियों द्वारा प्रयोग की गयी शब्दावली को हिन्दी में सुनकर कहीं लोगों की भावनाएं न आहत हो जाए और वे आक्रोशित हो उठें।
अंग्रेजी भाषा में तो हर स्तर के व्यक्ति के लिए 'यू, वी, आई, माई' जैसे शब्दों का प्रयोग होता है लेकिन हिन्दी में इसी के अंधानुकरण से मुश्किलें पैदा हो सकती हैं और यही कारण है कि निर्माता द्वारा इस फिल्म को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं की अग्रिम मंजूरी हासिल करने की कवायद की जा रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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