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सोना 1,100 डालर प्रति औंस को छू सकता है

By Staff
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नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। मौजूदा वर्ष यानी 2008 के दौरान सोना 1,100 डालर प्रति औंस की नई ऊंचाई को छू सकता है। लंदन स्थित जीएफएमसी लिमिटेड से जारी 'गोल्ड आउटलुक 2008' में बताया गया है कि वर्ष 2007 के अंत से शुरू हुई निवेश मांग में बढ़ोतरी वर्ष 2008 और 2009 के दौरान भी जारी रह सकती है।

'गोल्ड आउटलुक 2008' को जारी करते हुए जीएफएमसी के अध्यक्ष फिलिप क्लैपविक ने कहा कि मार्च 2008 के दौरान सोने की कीमतों में आए रिकार्ड तेजी के लिए जिम्मेदार कारक वर्ष 2008 की बाकी अवधि के दौरान सोना को 1,100 डालर प्रति औंस की ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए राह आसान करेंगे।

खदानों से स्वर्ण उत्पादन में कमी और ज्वैलरी की मांग में गिरावट के मद्देनजर क्लैपविक ने हालांकि दीर्घावधि के लिए सोने में 600 डालर प्रति औंस के स्थाई स्तर को व्यावहारिक बताया।

क्लैपविक ने सोने की मौजूदा कीमतों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले कुछेक सप्ताह से सोने की कीमतों में आया करेक्शन अप्रत्याशित नहीं है।

उनके अनुसार मध्य मार्च के दौरान सोने की कीमतों में आई रिकार्ड तेजी के अस्थायी तौर पर बरकरार रहने की आशंका पहले से ही थी।

इन तमाम बातों के बावजूद जीएफएमसी ने अपने आउटलुक में कहा है कि सोने की कीमतों में तेजी का दौर समाप्त नहीं हुआ है कारण कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार तत्व यानी डालर में कमजोरी, कम अमेरिकी ब्याज दर, बैकिंग क्षेत्र में संकट, और मुद्रास्फीति की दरों में बढ़ोतरी जैसी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और आगे भी इसकी संभावना नहीं दिखती।

जीएफएमसी के अनुसार वर्ष 2007 के दौरान सोने की कीमतों को मुख्यतया दिशा और दशा निवेश और ज्वैलरी मांग से मिली। लेकिन निवेश मांग ही वह निर्णायक कारक रहा जिसकी बदौलत सितंबर 2007 से सोने की कीमत आसमान से बात करने लगी। जीएफएमसी के अनुसार कीमतों में बढ़ोतरी की वजह एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), आवंटित धातु खाते व वायदा में सोने के मामले में निवेश में वृद्धि रही। जीएफएमसी रिपोर्ट में इन तमाम कारकों के वर्ष 2008 की बाकी अवधि के दौरान भी बरकरार रहने की संभावना पर जोर दिया गया है।

क्लैपविक ने कहा कि कमजोर डालर, आर्थिक संकट, और पूंजी बाजारों में संभावित गिरावट के मद्देनजर निवेशकों का सोना के प्रति रूझान फिलहाल बरकरार है और आगे भी इसमें विशेष बदलाव की गुंजाइश नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि सोने में एक हजार डालर प्रति औंस का स्तर तो पहुंच में है लेकिन 1,200 डालर प्रति औंस का स्तर थोड़ा पहुंच के बाहर लग रहा है।

जीएफएमसी के अनुसार वर्ष 2007 के दौरान सोने की कुल वैश्विक मांग 531 टन रही। वर्ष 2006 की तुलना में यह एक तिहाई कम है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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