इस वर्ष गिरेगी सोने की मांग
लंदन स्थित जीएफएमसी लिमिटेड से जारी 'गोल्ड आउटलुक 2008' के अनुसार सोने की कीमतों में भारी उतार -चढ़ाव के मद्देनजर मौजूदा वर्ष के दौरान गहनों की वैश्विक मांग में 200 टन से ज्यादा की गिरावट आ सकती है। आउटलुक में सोने की कीमतों में तेजी को गहनों की मांग में संभावित कमी के लिए जिम्मेदार बताया गया है।
'गोल्ड आउटलुक 2008' को जारी करते हुए जीएफएमसी के अध्यक्ष फिलिप क्लैपविक ने कहा कि सोने की कीमतों में चल रहे भारी उतार-चढ़ाव से न सिर्फ आभूषण बाजार बल्कि खुदरा निवेशक और आभूषण निर्माता भी प्रभावित होंगे।
क्लैपविक के अनुसार मौजूदा वर्ष के दौरान सोना के द्वारा एक हजार डालर प्रति औंस के स्तर को पार कर जाने की प्रबल संभावना है लेकिन इस स्तर के नहीं टूटने की स्थिति में भी समीक्षाधीन वर्ष के दौरान गहनों की मांग में 200 टन से ज्यादा की गिरावट आने के प्रबल आसार हैं।
आउटलुक के मुताबिक वर्ष 2007 के दौरान गहनों की मांग में हालांकि 5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई लेकिन यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि यह तेजी मुख्यतया प्रथम छमाही के दौरान दर्ज की गई थी।
रिपोर्ट बताता है कि वर्ष 2007 की प्रथम छमाही के दौरान गहनों की मांग में जहां वर्ष 2006 की समान अवधि की तुलना में 22 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई वहीं, वर्ष 2007 की दूसरी छमाही के दौरान गहनों की मांग वर्ष 2006 की समान अवधि की तुलना में 9 फीसदी तक गिर गई। जहां तक वर्ष 2007 की अंतिम तिमाही की बात है गहनों की मांग में कुल 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी ओर 'गोल्ड आउटलुक 2008' में मध्यपूर्व के देशों में वर्ष 2007 के दौरान गहनों की मांग में वृद्धि का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में वर्ष 2007 के दौरान जहां नए गहनों की मांग में 40 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई वहीं, पुराने गहनों की आपूर्ति में भी कमी आई।
आउटलुक के मुताबिक भारत में वर्ष 2007 के दौरान गहनों की मांग में 7 फीसदी का इजाफा हुआ और यह तब जब वर्ष की प्रथम छमाही के दौरान गहनों की मांग में बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 70 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई जबकि दूसरी छमाही के दौरान गहनों की मांग में 40 फीसदी की गिरावट आई।