ओबीसी आरक्षण : केंद्र के निर्देश के बाद ही आईआईएम में नए दाखिले
नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। उच्च शिक्षण संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को उच्चतम न्यायालय द्वारा वैध ठहराये जाने के बाद देश के छह भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) ने आगामी नए सत्र में होने वाले दाखिले को सरकारी दिशा निर्देशों के आने तक टाल दिया है।
नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। उच्च शिक्षण संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को उच्चतम न्यायालय द्वारा वैध ठहराये जाने के बाद देश के छह भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) ने आगामी नए सत्र में होने वाले दाखिले को सरकारी दिशा निर्देशों के आने तक टाल दिया है।
आईआईएम लखनऊ के निदेशक देवी सिंह ने आईएएनएस को बताया, "हम नये बैच के दाखिले की सूची अगले दो दिनों में जारी करने जा रहे थे। लेकिन आरक्षण संबंधी ताजा फैसले के आ जाने के बाद हम इसे स्थगित कर रहे हैं।"
उन्होंने बताया, "आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक से मेरी बातचीत हुई और नये बैच का दाखिला टालने संबंधी फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है।"
हालांकि सिंह ने बताया कि इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कोई दिशा-निर्देश अभी तक हमारे पास नहीं आया है, लेकिन हम सरकार के अगले आदेश तक इंतजार करेंगे और फिर नये सिरे से सूची जारी करेंगे। नई सूची में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत होगा।
उन्होंने बताया कि आईआईएम लखनऊ में नये सत्र के दौरान कम से कम 45 अधिक छात्रों का दाखिला होगा। आईआईएम लखनऊ ने पिछले कुछ वर्षो में अपनी मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया है इसलिए उसे कुछ और छात्रों को दाखिला देने में परेशानी नहीं होगी।
आईआईएम लखनऊ के बोर्ड आफ मैनेजमेंट की अध्यक्ष जे. जे. ईरानी ने कहा कि जब उच्चतम न्यायलय ने फैसला सुना दिया है तो हमें इसे स्वीकार करना ही होगा। उन्होंने क्रीमी लेयर को परिभाषित करने की भी मांग की।
बहरहाल, सभी आईआईएम चरणबद्ध तरीके से आरक्षण की व्यवस्था को लागू करेंगे और अगले तीन सालों में 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को पूरी तरह लागू कर दी जायेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।