आडवाणी के पास अयोध्या मसले का हलः शाहनवाज
शाहनवाज ने कहा, "आडवाणी नहीं चाहते थे कि बाबरी मस्जिद विध्वंस हो। वह चाह कर भी इसे नहीं रोक पाए थे। जिस दिन यह कांड हुआ था उस दिन आडवाणी की आंखों में भी आंसू थे।"
शाहनवाज ने कहा कि जब आडवाणी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासन में देश के गृह मंत्री थे तो उन्होंने इस समस्या के हल की बहुत कोशिशें की लेकिन गठजोड़ की सरकार होने की वजह से उनकी कोशिशें परवान नहीं चढ़ पाई। उन्होंने कहा कि देश का अल्पसंख्यक वर्ग बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए सिर्फ कांग्रेस को गुनाहगार मानता है।
शाहनवाज से जब यह पूछा गया कि बाबरी विध्वंस और गुजरात के दंगे दो ऐसी घटनाएं हैं जिन्हें देश का अल्पसंख्यक वर्ग कभी भूल नहीं सकता। इन दोनों घटनाओं के मददेनजर अल्पसंख्यक आडवाणी पर कैसे विश्वास करेंगे।
इसके जवाब में शाहनवाज ने कहा, "कांग्रेस ने अल्पसंख्कों के साथ जो नाइंसाफी की है उसे हम देश के हर अल्पसंख्यक तक पहुंचाएंगे और उनसे अपील करेंगे कि बीती ताहि बिसार कर अब आगे की सुध लेते हुए आडवाणी के नेतृत्व में नई शुरूआत करे।" बकौल शाहनवाज, "अल्पसंख्यकों को भाजपा और आडवाणी से जोड़ना असंभव भी नहीं है। मै इस काम को आगे बढ़ाऊंगा।"
उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यकों को भाजपा के साथ जोड़ने की अभी तक ईमानदार कोशिश नहीं हुई थी। जब मुझे अध्यक्ष बनाया गया तो मुझे बड़ा अटपटा लगा लेकिन जिस उम्मीद के साथ राजनाथ सिंह ने मुझे यह जिम्मेदारी दी और अल्पसंख्यकों को भाजपा के साथ जोड़ने का असंभव काम मुझे सौंपा तो मैने तय किया कि इस असंभव कार्य को भी हम संभव कर दिखायेंगे। इस प्रयास में हम सफल भी हो रहे हैं। आज हमारा मोर्चा देश का सबसे बडा राजनीतिक अल्पसंख्यक संगठन बनने की ओर अग्रसर है।"